यूपी में पशुपालकों को बड़ी राहत, दुधारू पशुओं में थनैला रोग के नियंत्रण के लिए चलेगा सघन अभियान
यूपी सरकार दुधारू पशुओं में थनैला रोग (मैस्टाइटिस) की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाएगी। इस रोग से दूध उत्पादन में कमी आती है जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। मुख्य सचिव ने पशुपालकों को जागरूक करने और तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी है। सरकार पशु आहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित करने पर भी ध्यान दे रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार दुधारू पशुओं में इस समय हो रहे मैस्टाइटिस (थनैला) रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए सघन अभियान चलाने जा रही है। इस रोग के कारण पशुओं में दूध की मात्रा काफी घट जाती है। कई बार इलाज में देरी से पशु दूध देना तक बंद कर देते हैं।
इससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। इस समस्या को देखते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को बैठक कर सघन अभियान चलाने व इस बीमारी के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में कहा कि इस बीमारी के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना तैयार कर निर्धारित एसओपी की जानकारी पशुपालकों तक पहुंचाई जाए। पशु आहार के मानक निर्धारण व गुणवत्ता के संबंध में पशुपालन विभाग द्वारा नीति निर्धारित की जाए।
उन्होंने पशुपालकों को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि थनैला रोग के लक्षण दिखने पर पशुपालकों द्वारा तत्काल पशु चिकित्सक से संपर्क किया जाए। संक्रमित पशु को अन्य पशुओं से अलग रखने की सलाह दी जाए ताकि बीमारी का प्रसार रोका जा सके।
उन्होंने प्रदेश में चार विश्वविद्यालयों को मेस्टाइटिस, बांझपन, नस्ल सुधार एवं अन्य संक्रामक बीमारियों एवं परजीवी नियंत्रण के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित करने एवं पशुपालन विभाग से समन्वय करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के भी निर्देश दिए। पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के. रवींद्र नायक ने इस रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मोबाइल वेटनरी यूनिट एवं विभागीय पशु चिकित्सालयों द्वारा पशुपालकों को दी जाने वाली पशु चिकित्सकीय सुविधा के अनुसार मेस्टाइटिस रोग के मामले करीब 10 प्रतिशत हैं। विभाग द्वारा इस रोग की जांच व निदान के लिए समय-समय पर किट एवं अन्य आवश्यक औषधियों से उपचार किया जाता है। बैठक में पशुपालन विभाग के अधिकारी व जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।