Updated: Thu, 02 Oct 2025 05:06 AM (IST)
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में चहेतों को भूखंड देने का खेल जारी है जिससे कई लोग बेघर हो रहे हैं। गोमतीनगर विस्तार में दीपा मिश्रा का मामला सामने आने के बाद कई पीड़ितों की कहानी उजागर हुई है। गिरीश पंत माया राय और चंद्रेश खन्ना जैसे कई लोग एलडीए की लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार हुए हैं जिन्हें आवंटित भूखंडों पर कब्जा नहीं मिल सका है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। एलडीए 26 जून को गोमती नगर विस्तार में दीपा मिश्रा का घर गिराने से एलडीए चर्चा में है। दीपा पहली महिला नहीं है जिन्हें बेघर होना पड़ा है, कई लोगों को अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी से दर-दर भटकना पड़ा है।
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राज्य उपभोक्ता आयोग की टिप्पणी थी कि एलडीए में संगठित भ्रष्टाचार फल फूल रहा है, इसकी एसआइटी जांच कराई जाए। इसके बाद भी कार्य शैली में बदलाव नहीं हो सका है।
कूर्मांचल नगर रामलीला मैदान निवासी गिरीश पंत ने 1982 में 200 वर्ग मीटर भूखंड के लिए एलडीए में तीन हजार रुपये जमा करके आवेदन किया था, 29 जुलाई 1985 को लकी ड्रा में उन्हें प्लाट सी-1/326 वैभवखंड गोमतीनगर आवंटित हुआ था। भूखंड की अनुमानित कीमत 34125 रुपये थी।
गिरीश ने दो मार्च 1988 तक 45825 रुपये जमा कर दिया और कब्जा पाने के लिए 12 साल इंतजार किया। वर्ष 2000 से लगातार एलडीए सचिव से कब्जा दिलाने का अनुरोध करते रहे। चार अगस्त 2021 को एलडीए की ओर से बताया गया कि प्लाट उपलब्ध नहीं है। वह गोमतीनगर विस्तार में सेक्टर छह सी-941 ले लें। वह कब्रिस्तान के बगल में था। एलडीए ने गिरीश का भूखंड बद्री नारायण त्रिपाठी व कुसुम त्रिपाठी को आवंटित कर दिया था।
इंदिरा नगर निवासिनी माया राय ने गोमती नगर योजना के विनय खंड में भवन आवंटन के लिए आवेदन किया। लाटरी के बाद 16 अप्रैल 1984 को भवन संख्या 1/683 आवंटित किया गया, 13 फरवरी 1989 तक सभी किस्तें जमा कर दिया। कब्जा व रजिस्ट्री कराने के लिए एलडीए से संपर्क किया तो कहा गया कि माया ने धन जमा नहीं किया है। इस भूखंड को एलडीए के ही कर्मचारी को आवंटित कर दिया गया था। ऐसे ही आलोक श्रीवास्तव को भी धनराशि जमा करने के बाद कब्जा नहीं मिला था।
बाराबंकी जिले के ग्राम अलीपुर की पुष्पा ने 19 अप्रैल 2005 काे 25000 रुपये जमा करके पंजीकरण कराया था। एलडीए ने जानकीपुरम योजना के सेक्टर एच भाग छह के तहत डी श्रेणी का आवासीय भूखंड 6/16 क्षेत्रफल 112.5 वर्गमीटर 28 जुलाई को आवंटित किया। आवंटन के बाद भूखंड की अंतिम गणना व रजिस्ट्री कराने के लिए कार्यालय से महिला ने संपर्क किया। उसे बताया गया कि योजना का मानचित्र स्वीकृत न होने से प्रक्रिया अभी पूरी नहीं होगी।
बीते 18 सितंबर को दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर निवासी चंद्रेश खन्ना ने बताया, माता ज्योति खन्ना ने गोमती नगर विस्तार सेक्टर चार में 2003 में भूखंड खरीदा था। एलडीए ने खरीदे भूखंड की रजिस्ट्री 2008 में कराई। इसके बाद से लगातार भूखंड पर कब्जा पाने को दौड़ रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही, शुरुआत में अधिकारियों ने आश्वासन दिया अब जवाब भी नहीं दिया जा रहा। जनता अदालत व कई समाधान दिवस में गुहार लगा चुके हैं। एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया, प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहां से निस्तारित होते ही अगला कदम उठाया जाएगा।
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