लखनऊ कौशल महोत्सव में नौकरियों की बहार, 8 हजार से ज्यादा युवाओं को मिला रोजगार
लखनऊ में कौशल महोत्सव के अंतिम दिन बारिश के बावजूद युवाओं को नौकरियों की सौगात मिली। 30387 पंजीकृत युवाओं में से 8124 को नौकरी मिली जो 7500 के लक्ष्य से अधिक है। युवाओं को 13000 से 40000 रुपये मासिक वेतन के ऑफर लेटर मिले। ऑटोमोबाइल आईटी और कृषि जैसे क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध थे। बारिश के कारण कुछ बाधाएं आईं। लखनऊ न्यूज़ में यह खबर छाई हुई है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। कौशल महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को बारिश में नौकरियों की बौछार हुई तो बेरोजगारों के चेहरे खिल उठे। दो दिनों में पंजीकृत 30,387 युवाओं में 14,400 साक्षात्कार दिया और 8,124 युवाओं को नौकरी का उपहार मिला।
मुख्य अतिथिति से नियुक्ति पत्र भले ही न मिल सका हो, लेकिन आफर लेटर पाकर युवाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी और भाजपा के वरिष्ठ नेता नीरज सिंह का आभार जताया।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की ओर से काल्विन तालुकेदार्स कालेज मैदान में लगे कौशल महोत्सव के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्म दिवस के अवसर पर 7,500 से अधिक युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया था।
लक्ष्य के मुकाबले 8,124 युवाओं को 177 कंपनियों की ओर से नौकरी का दी गई। चयनित को 13,000 से 40 मासिक वेतन और अन्य सुविधाएं देने का आफर लेटर भी दिया गया। आटोमोबाइल, रिटेल, हेल्थकेयर, आइटी, बैंकिंग, इलेक्ट्रानिक्स,पर्यटन, कृषि समेत 30 से अधिक सेक्टरों और 11 सरकारी कंपनियाें में अप्रेंटिस के लिए युवाओं का साक्षात्कार लिया गया।
एमिटी की दो युवतियों युविका व एश्वर्या को महोत्सव में सबसे अधिक वेतनमान 4.80 लाख वार्षिक पैकेज की नौकरी दी गई। दोनों को मुख्य अतिथियों की ओर से नियुक्ति पत्र मिलना था, लेकिन महोत्सव स्थगित होने के कारण अरमान पूरे नहीं हो सके। इसके अलावा दिव्यांग अंजली श्रीवास्तव, मड़ियांव की अक्शा, अर्शी, अलीसा, इरम और महेश चंद्र को भी 15 से 35 हजार महीने की नौकरी दी गई।
मुख्य पंडाल में भरा पानी, साक्षात्कार स्थल तक नहीं पहुंच सके प्रतिनिधि
महोत्सव स्थल पर बारिश का पानी भरने से साक्षात्कार के लिए आए युवा तो छोड़िए प्रतिनिधि तक पंडाल तक नहीं पहुंच सके।
मुख्य पंडाल में पानी भरने से आयोजन में लगे विभागीय अधिकारी अंदर नहीं जा सकेे। पहले दिन पंडाल में मिट्टी दलदल हो गई थी, इसकी वजह से पंडाल के अंतर मेज बिछा दी गई थी और उसके ऊपर मैट बिछाया गया। भारी बारिश से सबकुछ तैरता नजर आया।
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