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    40 बैंक खाते में 100 करोड़ रुपये, विदेशी फंडिंग के मामले में ED भी करेगा छांगुर बाबा की जांच

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 11:09 PM (IST)

    लखनऊ में मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विदेशी फंडिंग के मामले में ईडी जांच करेगी वहीं एनआईए टेरर फंडिंग के मामले में पूछताछ करेगी। एटीएस और एसटीएफ की टीमें गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश कर रही हैं। जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा ने कई लोगों का मतांतरण कराया और इसके लिए मोटी रकम दी गई।

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    विदेशी फंडिंग के मामले में ईडी भी करेगा छांगुर बाबा की जांच।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। विदेशी फंडिंग के मामले को लेकर उसके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    साथ ही विदेश से हुई टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए ने भी आरोपित से पूछताछ के लिए एटीएस से संपर्क साधा है। साथ ही हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने वाले इस गिरोह के फरार चल रहे 14 से अधिक सदस्यों की तलाश एटीएस व एसटीएफ की टीमों ने भी शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपित से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं।

    एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों से कई कई अहम जानकारियां मिली हैं। छांगुर बाबा ने सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन व उसके पति का ब्रेन वाश करके मतांतरण कराया था। वह पहले सिंधी थी। मतांतरण कराने के लिए वह गिरोह के सदस्यों को भी मोटी रकम देता था। साथ ही संबंधित महिला को 10-16 लाख रुपये देता था।

    एसटीएफ ने उसके व गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम पर विभिन्न बैंकों में खोले गए 40 से अधिक बैंक खातों की जांच भी शुरू कर दी है। इन बैंक खातों से पिछले कुछ समय में 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिग की गई है। एटीएस की एक टीम इस बात की जांच कर रही है कि इस रकम का इस्तेमाल टेरर फंडिंग में किया जा रहा था या नहीं।

    नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में छांगुर बाबा ने बड़े पैमाने पर अपना नेटवर्क बना लिया था। छांगुर बाबा के गिरोह के सदस्य करीब 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा पर जा चुके हैं। वहीं छांगुर बाबा द्वारा छपवाई गई किताब शिजर-ए-तैय्यबा से सीमावर्ती जिलों में इस्लाम का प्रचार किया जाता था।

    इस किताब को छपवाने के लिए भी विदेश से फंडिंग की गई थी। गिरोह का नेटवर्क दुबई सहित कई देशों में फैला था। एसटीएफ ने गिरोह के सदस्यों के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया है।