'जनहित गारंटी अधिनियम का पालन नहीं...' सूचना आयोग की राजस्व विभाग को फटकार, कार्रवाई की मांगी रिपोर्ट
राज्य सूचना आयोग ने जनहित गारंटी अधिनियम के तहत नागरिकों को समय पर सेवाएं न देने पर राजस्व विभाग को फटकार लगाई है। चित्रकूट निवासी कुसुम सिंह की आरटीआई याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग ने पाया कि विभाग के पास इस मामले में कोई व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं है। सूचना आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए विभाग को जिलावार रिकॉर्ड एकत्र करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सूचना आयोग ने उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम के तहत नागरिकों को निर्धारित समय में संबंधित सेवाएं न देने के एक मामले को लेकर नाराजगी जताई है।
आयोग ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं कि मुख्यालय स्तर पर अधिनियम के तहत की गई समस्त कार्रवाई का रिकार्ड एकत्र किया जाए। साथ ही यह रिकार्ड 19 सितंबर को अधिकारी स्वयं आयोग में उपस्थित होकर उपलब्ध कराएं।
आयोग में चित्रकूट निवासी कुसुम सिंह ने आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना न देने के बाद अपील दाखिल की थी। उन्होंने यह सूचना मांगी थी कि जनहित गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समय पर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं को न देने के मामले में उत्तर प्रदेश में कितने अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
संबंधित जनसूचना अधिकारी ने उन्हें इसकी सूचना नहीं दी। नतीजतन उन्होंने आयोग की शरण ली थी। राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने मामले की सुनवाई के दौरान राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी को निर्देश दिए थे कि अपीलार्थी को संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जाए।
इसके बाद भी अपीलार्थी को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। जन सूचना अधिकारी ने आयोग को बताया कि मुख्यालय स्तर पर इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है कि पूरे प्रदेश का रिकार्ड रखा जाए।
इस पर सूचना आयुक्त ने हैरानी जताई और कहा कि यह कैसे संभव है कि सरकार ने जिस अधिनियम को नागरिकों की सुविधा के लिए बनाया है, उसका पालन सरकारी अधिकारी ही नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्व विभाग को जिलावार सारा रिकार्ड एकत्र करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि इसकी सूूचना अपीलार्थी के साथ-साथ आयोग को भी उपलब्ध कराई जाए।
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