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    लखनऊ में 17 बीघे का नक्शा पास कराकर 150 बीघे में कर दी प्लॉटिंग, अब होगी ये कार्रवाई

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 09:59 AM (IST)

    लखनऊ में अनियोजित कॉलोनियों के खिलाफ सख्ती के बावजूद अवैध प्लाटिंग जारी है। मोहनलालगंज में एक कंपनी ने 17 बीघे का नक्शा पास कराकर 150 बीघे पर प्लाटिंग की। कई प्रॉपर्टी डीलर बिना स्वीकृत नक्शे के प्लाटिंग कर रहे हैं जिससे धोखाधड़ी हो रही है। मुख्यमंत्री ने अनियोजित विकास रोकने के निर्देश दिए हैं पर जिला पंचायत कार्यालय कार्रवाई की तैयारी में है।

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    17 बीघे मानचित्र पर डेढ़ सौ बीघे में कर दी प्लाटिंग।

    राजीव बाजपेयी, लखनऊ। अनियोजित कालोनियों पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश बार बार दिए जा रहे हैं, इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग हो रही है। मोहनलालगंज में एक रियल एस्टेट कंपनी ने तो केवल 17 बीघे का नक्शा पास कराकर डेढ़ सौ बीघे से अधिक जमीन पर प्लाटिंग कर डाली है।

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    एक नहीं लखनऊ में सौ से अधिक ऐसे प्रापर्टी डीलर और रियल एस्टेट कंपनियां हैं, जिनको बिना स्वीकृत मानचित्र के प्लाटिंग करने पर नोटिस तो जारी हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

    दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरों में अनियोजित कालोनियों को बसने से रोकने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि शहरों को व्यवस्थित तरीके से बसाने के लिए अनियोजित विकास को रोकना जरूरी है।

    लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण और जिला पंचायत कार्यालय द्वारा भवनों और कालोनियों के नक्शे पास किए जाते हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के विस्तार के बाद अब 197 गांव भी इसके दायरे में शामिल हो गए हैं।

    जिला पंचायत कार्यालय के पास मौजूदा समय में 477 गांवों में नक्शा पास करने का अधिकार है। सूत्रों के अनुसार गोसाईगंज में एक रियल स्टेट कंपनी ने उनके यहां से केवल 17 बीघे का ही नक्शा पास कराया है, लेकिन डेढ़ बीघे से अधिक में प्लाटिंग कर दी है।

    प्रापर्टी डीलरों ने जमीन बेचने के लिए सबको स्वीकृत नक्शा दिखाया। यह भी सामने आया है कि केवल मोहनलालगंज ही नहीं शहर की दूसरी तहसीलों सरोजनीनगर, मलिहाबाद और बख्शी का तालाब में भी इसी तरह कुछ बीघे का नक्शा पास कराकर उससे कई गुणा अधिक जमीन पर प्लाटिंग की जा रही है।

    दो वर्ष पूर्व जिला पंचायत कार्यालय ने एक सर्वे कराया था, जिसमें सामने आया था कि अधिकांश प्रापर्टी डीलर इसी तरह से लोगों से धोखाधड़ी कर जमीनें बेच रहे हैं। जिला पंचायत से नक्शे स्वीकृत कराने के लिए मुख्य सड़क 12 मीटर की और अंदर की नौ मीटर होनी चाहिए।

    जहां पर प्लाटिंग की जा रही हो वहां चारों तरफ बाउंड्रीवाल होनी चाहिए। ग्रीन फील्ड, सड़क, नाली और अन्य सुविधाओं के लिए चालीस प्रतिशत एरिया खुला छोड़ा जाना चाहिए। बिजली के खंभों के अलावा सीवर भी होना चाहिए।

    मगर प्रापर्टी डीलर नियम कानून ताक पर रखकर अनियोजित विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बारे में जिला पंचायत कार्यालय के अपर मुख्य अधिकारी प्रणव पांडेय का कहना है कि अवैध तरीके से बिना नक्शा पास कराए प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिनको नोटिस जारी की जा चुकी है उनकी भी जांच होगी।