Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब गोबर से बनेगा पिगमेंट... गोमूत्र से सिलिकॉन! वैज्ञानिक शोध ने नैनो तकनीक से खोले नए दरवाजे

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 10:03 PM (IST)

    लखनऊ में गो सेवा आयोग गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। दिल्ली के रामजस कॉलेज की डॉ. शुचि वर्मा ने बताया कि कैसे नैनो तकनीक का इस्तेमाल करके गोबर और गोमूत्र से सिलिकॉन पिगमेंट और दवाइयाँ बनाई जा सकती हैं। आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने कहा कि गो-संवर्धन को आधुनिक विज्ञान से जोड़ना जरूरी है।

    Hero Image
    नैनो तकनीक से बेहतर होंगे गोबर और गोमूत्र उत्पाद।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गो सेवा आयाेग गोबर और गोमूत्र से निर्मित उत्पादों को और बेहतर बनाने की संभावनाएं तलाश रहा है।

    इसके तहत शुक्रवार को दिल्ली के रामजस कालेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. शुचि वर्मा द्वारा नैनो तकनीक के माध्यम से गोबर व गोमूत्र से सिलिकान, पिगमेंट एवं औषधि निर्माण पर किए गए अनुसंधान की प्रस्तुति दी गई।

    आयोग सभागर में आयोजित कार्यक्रम में डा. शुचि वर्मा ने बताया कि गोमूत्र के जैविक यौगिकों का प्रयोग कर नैनो-स्तर के सिलिकान कणों का निर्माण किया जा सकता हे, जो उच्च गुणवत्ता के इलेक्ट्रानिक व औषधीय उपयोगों में काम आ सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं गौमय (गोबर) से प्राकृतिक पिगमेंट तैयार हो सकता है, जो टेक्सटाइल, खाद्य एवं कास्मेटिक उद्योग में रासायनिक रंगों का विकल्प बन सकता है। गोमूत्र आधारित एंटीमाइक्रोबियल और एंटीआक्सीडेंट नैनो उत्पाद का भी औषधि उत्पादों में उपयोग किया जा सकता है।

    आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने कहा कि अब समय है कि हम गो-संवर्धन को आधुनिक विज्ञान से जोड़ें। परंपरागत उत्पादों को वैज्ञानिक शोध के माध्यम से प्रतिस्पर्धी बनाना हमारी प्राथमिकता है।