Gomti River: गोमती नदी से मछली का शिकार करने की होगी नीलामी, विरोध में उतरे मछुआरे
लखनऊ में मत्स्य विभाग द्वारा गोमती नदी में मछली पकड़ने के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू करने पर मछुआरे विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा। विधायक डा. नीरज बोरा ने अधिकारियों से बात कर नीलामी रोकने की मांग की है। पहले भी एक मछुआरा आंदोलन के बाद नीलामी बंद कर दी गई थी।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। करीब साढ़े तीन दशक बाद मत्स्य विभाग ने गोमती नदी में मछली का शिकार करने के लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू करते हुए टेंडर निकाला है। इसकी जानकारी होते ही मछुवारे विरोध में उतर आए हैं और बुधवार को उत्तर क्षेत्र से विधायक डा. नीरज बोरा से मिलकर अपना दर्द बताया।
मछुआरों का कहना था कि अगर किसी कंपनी ने मछली का शिकार करने का ठेका पा लिया तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इस मामले में डा. बोरा ने प्रमुख सचिव मत्स्य के साथ ही अन्य अधिकारियों को फोन कर नदी में मछली मारने की नीलामी का टेंडर निकाले जाने पर नाराजगी जताई।
मछुआरों के प्रतिनिधि मनोहर व मन्ना ने बताया कि लखनऊ के भीतर गोमती नदी में मछली मारने के लिए नीलामी नहीं होती थी। साढ़े तीन दशक पहले तत्कालीन विधायक स्वर्गीय डी.पी.बोरा के नेतृत्व में हुए मछुआरा आंदोलन की वजह से नीलामी करने के अपने आदेश को प्रशासन ने वापस ले ही लिया था।
वर्तमान में मत्स्य विभाग ने खदरा पक्के पुल से आइआइएम पुल, रैथा से सरौरा और जमखनवा से सुलतानपुर तक अगले एक वर्ष के लिए मछली का शिकार करने की नीलामी का टेंडर निकाला है।
उधर, डा. बोरा का कहना है कि उन्होंने प्रमुख सचिव मत्स्य और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नीलामी प्रक्रिया को रोकने को कहा है। यह भी कहा है कि कई दशक से शासन द्वारा लखनऊ की सीमा में मछली का शिकार करने की नीलामी नहीं कराई जाती थी।
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