गलत मरीज को ऑपरेशन टेबल पर लेटाने के मामले में दो डॉक्टर और तीन नर्स सस्पेंड, उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कार्रवाई
राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में ऑपरेशन टेबल पर गलत मरीज को ले जाने के मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दो डाक्टर और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने इस लापरवाही की जांच के आदेश देते हुए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में ऑपरेशन टेबल पर गलत मरीज को ले जाने के मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दो डाक्टर और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने इस लापरवाही की जांच के आदेश देते हुए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
माधौगढ़ के डिकोली निवासी बृजेश चौधरी को पेट दर्द की शिकायत लेकर राजकीय मेडिकल कालेज उरई आया था। वहां जांच के बाद के डाक्टर ने आंतों में सूजन बता और 28 जुलाई को सर्जरी वार्ड सात में उसे भर्ती कर लिया। अगले दिन सुबह उसे डिस्चार्ज करने की बात कही गई। लेकिन 29 जुलाई को मरीज बृजेश को अस्पताल के कर्मचारी आपरेशन थिएटर लेकर जाने लगे।
मरीज ने कारण पूछा तो स्टाफ ने उसकी सर्जरी की जानकारी दी। इस पर मरीज ने कहा कि डॉक्टर ने सुबह डिस्चार्ज करने के लिए बोला था। इसके बावजूद वहां मौजूद स्टाफ ने उसकी नहीं सुनी और ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उसे दो इंजेक्शन लगा दिए। इससे घबरा कर मरीज आपरेशन थिएटर से भाग निकला।
इस पूरी घटना के संज्ञान में आने के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के हेड डा. पुनीत अवस्थी की एक समिति गठित की। इस समिति ने शुरूआती जांच में पांच लोगों की लापरवाही पाई गई। इसके बाद प्रधानाचार्य ने सहायक आचार्य सर्जरी डॉ. सुधांशु शर्मा, सीनियर रेजिडेंट डा. विशाल त्यागी, तीन नर्स ऊषा देवी, आम्रपाली एस. लाल और स्नेहप्रभा को अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया है। उन्हें प्रधानाचार्य कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
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