'संवेदनशीलता के साथ प्रदर्शनकारियों से निपटे पुलिस', डीजीपी राजीव कृष्ण ने दिए सख्त निर्देश
बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज और गाजीपुर में दिव्यांग की मौत के मामले में डीजीपी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अधीनस्थों को संवेदनशीलता से काम लेने और जनशिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। साइबर अपराध और महिला सुरक्षा पर भी ध्यान देने को कहा गया है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद गाजीपुर में पुलिस पिटाई से घायल दिव्यांग व्यक्ति की मौत के मामलों को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अधीनस्थों को कड़े निर्देश दिए हैं।
किसी मुद्दे पर आक्रोशित व्यक्तियों से संवेदनशीलता से धैर्यपूर्वक वार्ता कर समस्या का समाधान निकाले जाने का निर्देश दिया। कहा, यदि किसी मुद्दे पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बन रही हो तो सबसे वरिष्ठ अधिकारी वार्ता कर स्थिति को बिगड़ने से रोकें और डीजीपी मुख्यालय को जानकारी दें।
डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्य रूप से जनसुनवाई, साइबर अपराध व महिला सुरक्षा को लेकर अधीनस्थों से जवाब मांगा। जून, जुलाई व अगस्त माह में जनशिकायत के निस्तारण में 55 जिलों में स्थित अच्छी पाई गई।
जबकि 20 जिलों में वृद्धि पर नाराजगी जताई। इनमें सर्वाधिक वृद्धि वाले छह जिलों देवरिया, संभल, कौशांबी, बदायूं, गाजियाबाद व वाराणसी के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी। देवरिया, संभल, कौशांबी व बदायूं के एसपी तथा गाजियाबाद व वाराणसी के पुलिस आयुक्तों से स्पष्टीकरण तलब किया है।
कहा, उन थानों को भी चिह्नित किया जाए जहां जनशिकायतों के निस्तारण में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आ रही शिकायतों की भी समीक्षा की। इनमें सर्वाधिक शिकायतें झांसी, बहराइच, लखनऊ, जौनपुर, कानपुर व आगरा की हैं। कहा कि जिन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सर्वाधिक शिकायतें हैं, उन्हें चिन्हित कर सभी मामलों की सूची तैयार की जाए।
वरिष्ठ अधिकारी खुद उन शिकायतों को सुनें व जांच कराएं। दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस अभिरक्षा में मौत की घटनाओं पर भी नाराजगी जताई। कहा, ऐसी घटनाएं पुलिस की लापरवाही से हो रही हैं, जिन्हें सजगता व मुस्तैदी से रोका जा सकता है।
साइबर फ्राड के मामलों में पीड़त द्वारा त्रुटिपूर्ण जानकारी देने के कारण कई उनसे ठगी गई धनराशि फ्रीज न हो पाने पर भी चिंता जताई। कहा, ऐसे मामलों में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क की टीम तत्काल पीड़ित से वार्ता कर त्रुटियों को ठीक कराए, जिससे धनराशि तुरंत फ्रीज़ हो सके।
छेड़खानी व घरेलू हिंसा जैसे प्रकरणों को भी अत्यंत गंभीरता से लेते हुए थाना स्तर पर इनके त्वरित निस्तारण की जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने आने वाले त्योहारों के दृष्टिगत शांति समिति की बैठकें कराने व विवादों का समय रहते निस्तारण कराए जाने का निर्देश दिया।
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