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    यूपी के सरकारी स्कूलों में छात्र नहीं मिल रहे, सुविधाएं भरपूर... मगर 436 हाईस्कूल में 50 से भी कम नामांकन

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 05:38 PM (IST)

    UP News | UP Schools News | Lucknow News | प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की घटती संख्या शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय बन गई है। 436 हाई स्कूलों में 50 से कम छात्र हैं जबकि 189 इंटर कॉलेजों में 100 से कम छात्र हैं। समग्र शिक्षा के तहत कई सुविधाएं प्रदान करने के बावजूद नामांकन में सुधार नहीं हो रहा है।

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    राजकीय विद्यालयों में सुविधाएं भरपूर, फिर भी विद्यार्थी नहीं।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में लगातार घटते छात्र नामांकन ने शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिली सुविधाओं और योजनाओं के बावजूद भी कई स्कूलों में छात्रों की संख्या बेहद कम रह गई है।

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    इस पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य परियोजना निदेशक ने मंडल स्तर के अधिकारियों को तत्काल रणनीति बनाकर नामांकन में सुधार करने के निर्देश दिए हैं।

    सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाओं के बावजूद कम नामांकन एक गंभीर चुनौती बन गया है। राज्य परियोजना कार्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार यू-डायस डाटा 2023-24 से पता चला है कि प्रदेश के 436 राजकीय हाईस्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से भी कम है, जबकि 189 राजकीय इंटर कालेजों में नामांकन 100 से नीचे है।

    यह स्थिति विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद बेहद निराशाजनक मानी जा रही है। समग्र शिक्षा के तहत अब तक विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों का प्रशिक्षण, टीएलएम सामग्री, विज्ञान किट, शैक्षिक भ्रमण, क्लब गतिविधियां, अटल टिंकरिंग लैब, दिव्यांगों की शिक्षा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कैरियर काउंसलिंग, पुस्तकालय, खेल अनुदान जैसी कई सुविधाएं दी जा चुकी हैं।

    बावजूद इसके नामांकन की हालत चिंताजनक है। इसे देखते हुए समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने निर्देश जारी किए हैं कि मंडल स्तर पर सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों, स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की बैठक कर त्वरित कार्ययोजना बनाई जाए।

    साथ ही, नामांकन में बढ़ोत्तरी की साप्ताहिक समीक्षा भी अनिवार्य की गई है। विशेष रूप से कक्षा 8 और 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को राजकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने पर जोर दिया गया है ताकि सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ छात्रों को मिल सके।

    सभी मंडलीय शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि यह कार्य योजना धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हो सके। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग की नई रणनीति और साप्ताहिक समीक्षा व्यवस्था नामांकन में वांछित सुधार ला पाती है या नहीं।