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    साइबर जालसाजों के निशाने पर र‍िटायर्ड कर्मचारी, एक महीने में तेजी से बढ़ा ग्राफ; जांच में जुटी पुलिस

    लखनऊ में साइबर अपराधी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं। वे पेंशन विवरण अपडेट करने के बहाने लोगों को धोखा दे रहे हैं और उनके बैंक खातों से पैसे निकाल रहे हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी के साथ भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की सलाह दी है। हाल ही में दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कुल 5.26 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

    By ayushman pandey Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 08 Jul 2025 08:58 PM (IST)
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    साइबर जालसाजों के निशाने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। इन दिनों साइबर जालसाजों के निशाने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। जालसाज पेंशनर पर्मानेंट आर्डर नंबर (पीपीओएन) अपडेट करने के नाम पर उन्हें फंसा रहे हैं। एप डाउनलोड करा खाते से रकम पार कर देते हैं। ऐसी कई शिकायतें आने के बाद साइबर क्राइम सेल इंटरनेट मीडिया व अन्य माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जुट गई है।

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    अपर पुलिस उपायुक्त रल्लापल्ली वसंत कुमार ने बताया कि राजधानी में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। शिकायतें आने पर लगा कि सभी को अलर्ट किया जाए। इसको लेकर ठगी का पूरा मैसेज बनाया गया, जिस में बताया गया कि जालसाज जीवन प्रमाण पत्र, पीपीओ नंबर समेत अन्य चीजें अपडेट करने के नाम पर फोन करते हैं। जानकारी हासिल कर खाते को खाली कर देते हैं। ऐसे सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपील की जा रही है कि किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी न साझा करें।

    ऑनलाइन कोई भी चीज ऐसे अपडेट नहीं हो सकती है। अगर शिकार हो भी जाते हैं तो बिना वक्त गवाएं 1930 पर काल कर शिकायत दर्ज कराएं या फिर साइबर क्राइम सेल में बताएं।

    ट्रेजरी कार्यालय का बाबू बनकर सेवानिवृत्त दारोगा से ठगे 4.61 लाख रुपये

    साउथ सिटी के रत्नाकर खंड निवासी ज्ञानेंद्र कुमार शुक्ल बलरामपुर जिले से 31 मई को उपनिरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने बताया कि पांच जुलाई को एक काल आई। फोनकर्ता ने खुद को ट्रेजरी से अखिलेश श्रीवास्तव बताया और कहा कि आपकी पेंशन ट्रेजरी से बननी है। एक लिंक भेजा है। उसे डाउनलोड कर जानकारी भरकर भेज दीजिए, ताकि पेंशन बन सके। जाल में फंसे ज्ञानेंद्र ने लिंक ओपन कर जानकारी भरकर भेज दी। जिसके बाद जालसाज ने उनके खाते से 4.61 लाख रुपये पार कर दिए। बैंक और साइबर सेल में सूचना देने के बाद पीड़ित ने पीजीआइ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

    वहीं, पुलिस लाइन में रहने वाला सिपाही अजय कुमार ने बताया कि वह पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं। एक जुलाई की दोपहर फेसबुक मैसेंजर पर भाई पंकज के नाम से मैसेज आया। लिखा था कि मैं मलेशिया में हूं। अपना अकाउंट नंबर दो, उसपर छह लाख भेज रहा हूं। वापस लौटूंगा तो ले लूंगा। परिचित होने के नाते अजय ने अकाउंट नंबर भेज दिया, फिर कहा कि पासपोर्ट ब्लॉक हो गया है। एक नंबर भेजा है, अनब्लॉक कराने के लिए एजेंट से बात कर लो।

    पीड़ित ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो जालसाज ने अनब्लॉक कराने का झांसा देकर चार बार में 65 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।