कई शहरों में है अवैध मतांतरण कराने वाले सिंडीकेट का नेटवर्क, ATS के बड़े खुलासे
हिंदू युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर मतांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एटीएस मास्टरमाइंड जलालुद्दीन और नीतू से पूछताछ करेगी। गिरोह के सदस्यों की तलाश जारी है और पीड़ितों से संपर्क किया जा रहा है। जांच में टेरर फंडिंग की आशंका भी सामने आई है। एटीएस पहले भी ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश कर चुकी है और अब पुराने मामलों की भी जांच कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका मतांतरण कराने वाले गिरोह का नेटवर्क कई शहरों में गहरा रहा है। सिंडीकेट की तह तक पहुंचने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा व उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन से नए सिरे से पूछताछ की तैयारी कर रहा है। दोनों को पुलिस रिमांड पर लिए जाने की कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।
केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी भी उनसे पूछताछ करेंगे। छांगुर बाब को विदेश से भेजे जा रही रकम से नेपाल सीमा से सटे जिलों में टेरर फंडिंग की आशंका भी है, इसे लेकर और गहनता से छानबीन की जा रही है। गिरोह के 10 से अधिक सक्रिय सदस्यों की तलाश की जा रही है। जांच एजेंसियां गिरोह का शिकार हुईं पीड़ित युवतियों व स्वजन से भी संपर्क साधने का प्रयास कर रही हैं।
एटीएस ने दो दिन पूर्व छांगुर बाबा व नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व छांगुर बाबा का बेटा महबूब व नीतू का पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन पकड़े जा चुके हैं। महबूब व नवीन के पकड़े जाने के बाद छांगुर बाबा फरार हो गया था और लखनऊ के विकासनगर क्षेत्र स्थित एक होटल में छिपकर रह रहा था। गिरोह के बारे में सामने आई जानकारियों को खुफिया एजेंसियों से भी साझा किया गया है।
गिरोह के 40 से अधिक बैंक खातों में विदेश से भेजी गई रकम को लेकर भी गहनता से छानबीन की जा रही है। बैंक खातों का पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। विदेश से अाने वाली रकम को कहां-कहां व किन लोगों तक पहुंचाया गया, इसे लेकर छांगुर बाबा से सवाल-जवाब होंगे। विभिन्न जिलों में अवैध मतांतरण को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमों में भी इसी गिरोह की भूमिका को लेकर छानबीन के निर्देश दिए गए हैं।
एटीएस ने लगभग चार वर्ष पूर्व गाजियाबाद के डासना स्थित शिव शक्ति धाम देवी मंदिर परिसर में खतरनाक इरादों से घुसने का प्रयास कर रहे दो संदिग्ध युवकों विपुल विजय वर्गीय व कासिफ को पकड़ा गया था। दोनों आरोपितों से पूछताछ में अवैध मतांतरण कराने का बड़ा गिरोह पकड़ा गया था।
एटीएस ने आरोपित उमर गौतम व जहांगीर को गिरफ्तार कर बेहद संगठित रूप से मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं व कमजोर आय वर्ग के लोगों को डरा-धमका कर अथवा प्रलोभन देकर बड़े पैमाने पर अवैध मतांतरण कराने वाले गिरोह से पर्दा उठाया था।
बाद में उमर गौतम के करीबी मेरठ निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी व महाराष्ट्र के यवतमाल से डा.फराज शाह समेत अन्य आरोपित को पकड़ा था। तब भी अवैध मतांतरण के लिए विदेशी फंडिंग के तथ्य सामने आए थे। पूर्व में सक्रिय इस तरह के गिरोहों के सक्रिय सदस्यों को लेकर भी छानबीन तेज की गई है। अलग-अलग गिरोह के आपसी नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है।
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