कांग्रेस का नया हथियार! आरटीआई के माध्यम से सरकार की पोल खोलने की तैयारी
कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हमलावर है। पार्टी कार्यकर्ताओं को आरटीआई के माध्यम से सरकार की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करने का निर्देश दिया गया है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यशाला में पार्टी कार्यकर्ताओं को सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग करके सरकार से जानकारी मांगने के लिए प्रोत्साहित किया गया ताकि सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस राज्य सरकार को घेरने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम काे हथियार बनाएगी। सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए पार्टी ने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को विभिन्न विभागों से आरटीआइ से सूचनाएं जुटाने का निर्देश दिया है।
प्रदेश मुख्यालय में सूचना का अधिकार विभाग (आरटीआइ) की लखनऊ इकाई की कार्यशाला में पदाधिकारियों को 10-10 आरटीआइ लगाने का लक्ष्य दिया गया। जल्द अन्य जिलों में भी कार्यशालाओं का आयोजन होगा।
कार्यशाला में राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह कानून कांग्रेस सरकार ने दिया था, जो भ्रष्टाचार को उजागर करने का बहुत सशक्त माध्यम है। पदाधिकारी व कार्यकर्ता इसके महत्व को समझें और 10-10 आरटीआइ दाखिल कर सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का प्रयास करें।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा कि आरटीआइ के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर सरकार की जवाबदेही तय करने का प्रयास करें। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आरटीआइ कानून को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। कार्यशाला में पदाधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
आरटीआइ एक्टिविस्ट देवेशमणि त्रिपाठी ने इसके उपयोग का तरीका बताया गया। कार्यशाला को सूचना का अधिकार विभाग के चेयरमैन पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. अमित उठवाल, प्रदेश महासचिव कीर्ति प्रकाश पांडेय, पूर्व मंत्री राज बहादुर, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी व अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
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