'ट्रिपिंग-ओवरबिलिंग बर्दाश्त नहीं, गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई'; CM योगी का बिजली विभाग को अल्टीमेटम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था जनता के भरोसे का पैमाना है। ट्रिपिंग और ओवरबिलिंग अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पैसे और संसाधनों की कमी नहीं है इसलिए व्यवस्था में सुधार करें। मुख्यमंत्री ने फीडरों की जांच ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने और शिकायतों का समय पर समाधान करने के निर्देश दिए। लाइन लॉस कम करने और किसानों को कुसुम योजना से जोड़ने पर भी जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बन चुकी है।
ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। इसमें सुधार करना ही होगा। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि राज्य में न पैसे की कमी, न बिजली की कमी और न ही संसाधनों की कोई कमी है। ऐसे में व्यवस्था सुधारें अन्यथा कार्रवाई तय है।
शुक्रवार को प्रदेश की बिजली व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की लगातार आ रही शिकायतों पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच हो।
जहां ज़रूरत हो, वहां ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए जिससे ओवरलोडिंग की स्थिति न बने। अधिकारी फील्ड से मिलने वाले वास्तविक शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकार्ड बजट उपलब्ध कराया है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशकों से विद्युत आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री ने बिलिंग व्यवस्था पर कहा कि हर उपभोक्ता को हर महीने सही और समय से बिल दिया जाए। गलत या ओवर बिलिंग जैसी शिकायतों से जनता का विश्वास टूटता है। इससे विभाग की साख भी गिरती है।
मुख्यमंत्री ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लास) को चरणबद्ध तरीके से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डिस्काम को अपने स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर काम करना होगा। जहां आवश्यक हो पारेषण व वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण का काम करें।
बिजली उत्पादन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि घाटमपुर और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद बिजली उत्पादन क्षमता अगले दो वर्षों में 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी और समय से पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कृषि फीडरों को तेजी से पृथक करने और किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। कहा कि सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता पर होना चाहिए, जिससे किसानों को स्थाई राहत मिले।
उन्होंने कहा कि बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफार्मर और वायरिंग नहीं, यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण है। हमारा दायित्व है कि हर नागरिक को यह महसूस हो कि उसे बिना भेदभाव, पारदर्शी और समयबद्ध बिजली मिल रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि लगातार बढ़ रही उमस और तापमान ने बिजली खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया है।
इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई है। अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं, इस प्रक्रिया को ब्लाक स्तर तक ले जाने का कार्य तेजी किया जा रहा है।
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