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    Lucknow: 100 करोड़ की नजूल भूमि के मामले में DM सुहास एलवाई को क्लीन चिट, हाईकोर्ट ने निर्णय को सही ठहराया

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Thu, 10 Aug 2023 08:22 PM (IST)

    प्रयागराज में नजूल की भूमि को फ्री-होल्ड न करने के मामले में पद के दुरुपयोग की शिकायत की जांच में तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई निर्दोष पाए गए हैं। लोकायुक्त की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा कराई गई उच्च स्तरीय जांच में पाया गया है कि सुहास के कारण ही 100 करोड़ रुपये से अधिक की नजूल भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए बच सकी।

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    जिलाधिकारी सुहास एलवाई वर्तमान में खेल सचिव के पद पर कार्यरत हैं। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रयागराज में नजूल की भूमि को फ्री-होल्ड न करने के मामले में पद के दुरुपयोग की शिकायत की जांच में तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई निर्दोष पाए गए हैं। लोकायुक्त की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा कराई गई उच्च स्तरीय जांच में पाया गया है कि सुहास के कारण ही 100 करोड़ रुपये से अधिक की नजूल भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए बच सकी।

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    हाईकोर्ट ने निर्णय को सही ठहराया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सुहास के निर्णय को सही ठहराया है। सुहास वर्तमान में खेल सचिव के पद पर कार्यरत हैं। प्रयागराज के जिलाधिकारी रहते सुहास पर अभिषेक टंडन ने आरोप लगाए थे कि पूर्व जिलाधिकारी संजय कुमार की संस्तुति पर भी उन्होंने नजूल की भूमि को फ्री होल्ड करने पर विचार नहीं किया।

    अभिषेक की शिकायत पर लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में सुहास के निर्णय को मनमाना मानते हुए उनके द्वारा पद का दुरुपयोग करने की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की सिफारिश सरकार से की थी। लोकायुक्त की तीन वर्ष पुरानी संबंधित रिपोर्ट बुधवार को विधानमंडल में पेश की गई थी। सदन में पेश की गई रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि लोकायुक्त की सिफारिश पर सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच पहले ही कराई जा चुकी है।

    जांच में सुहास का निर्णय उचित पाया गया 

    सूत्र बताते हैं कि आवास एवं शहरी नियोजन के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति ने जांच में पाया था कि सुहास ने पद का दुरुपयोग न करते हुए व्यापक जनहित में नजूल भूमि को फ्री-होल्ड न कर उचित निर्णय किया।