UP Outsourcing: आउटसोर्स सेवा निगम गठन की बैठक आज, कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर
उत्तर प्रदेश कैबिनेट की आगामी बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। मुख्य प्रस्तावों में से एक आउटसोर्स सेवा निगम का गठन है जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं में सुधार करना है। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति और इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति को लागू करने जैसे प्रस्ताव भी शामिल हैं। बैठक में पीएम कुसुम योजना पर भी विचार किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश मंत्रिपरिषद के मंगलवार को होने वाली बैठक में दर्जन भर प्रस्ताव विचार के लिए रखे जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन पर मुहर लग सकती है। निगम का गठन हो जाने से आउटसोर्स पर विभिन्न विभागों में काम कर रहे कार्मिकों के वेतन में इजाफा होने के साथ ही कई प्रकार की सुविधाएं मिलने लगेंगी।
आउटसोर्स सेवा निगम का गठन कंपनीज एक्ट-2013 के सेक्शन आठ के तहत किया जाएगा। यह निगम राज्य सरकार के 92 विभागों के साथ ही स्थानीय निकायों तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए भी आउटसोर्स की भर्तियां करेगा।
माना जा रहा है कि निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कार्मिकों का न्यूनतम मानेदय 16 हजार रुपये और इससे भी अधिक सरकार तय कर सकती है। अधिकतम मानेदय तीन से पांच लाख रुपये तक हो सकता है। निगम का गठन होने और उसकी व्यवस्थाएं लागू होने के बाद कार्मिकों को हर महीने की पांच तारीख तक मानदेय मिलने लगेगा।
कार्मिकों को 12 आकस्मिक अवकाश व 10 चिकित्सा अवकाश भी मिलने लगेगा। भर्तियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, दिव्यांग व पूर्व सैनिकों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।
परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। आउटसोर्स कार्मिकों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर स्वजन को 30 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता दिए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए कार्मिक को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
इन कार्मिकों को ईपीएफ और बीमा के कई लाभ मिलेंगे। कार्मिक 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकेंगे। इसके बाद इन्हें 1000 से 7500 रुपये तक मासिक पेंशन दिए जाने की व्यवस्था भी सरकार करेगी। अविवाहित कार्मिक की मृत्यु पर उसके माता पिता को 1000 से 2900 रुपये तक पेंशन देने की व्यवस्था रहेगी।मुफ्त इलाज की सुविधा दिया जाना भी प्रस्तावित है।
निगम के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से स्वीकृत होने पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निदेशक मंडल का गठन किया जाएगा। शासन द्वारा एक महानिदेशक नियुक्त किया जाएगा।
दिव्यांग बच्चों के लिए मिल सकते हैं विशेष शिक्षक
माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत सुप्रीम कोर्ट आदेशों के अनुपालन में माध्यमिक विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए नियमित विशेष शिक्षकों की नियुक्ति पर भी फैसला लिया जा सकता है। अभी इन विद्यालयों में संविदा पर विशेष शिक्षक रखे जाते हैं।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स घटक विनिर्माण नीति लागू करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया जा सकता है। इस नीति के तहत ऐसे इलेक्ट्रानिक्स उपकरण और पुर्जे जो अभी तक आयात किए जाते हैं, उनका निर्माण प्रदेश में ही शुरू किया जाएगा।
इससे उद्योग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। कैबिनेट के समक्ष शाहजहांपुर में निजी क्षेत्र में शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को भी कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के शेष लक्ष्यों की चालू वित्तीय वर्ष में पूरा करने और पीएम कुसुम 2.0 योजना की वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक की कार्ययोजना के अनुमोदन का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
भारत सरकार के सहयोग से संचालित इस योजना में सोलर पंप पर 60 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध करा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 45 हजार विभिन्न क्षमता के सोलर पंप लगवाए जाने हैं।
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