योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, कानपुर के ACMO, मथुरा-एटा के चिकित्साधिकारी सस्पेंड; तीन डॉक्टरों पर भी होगा एक्शन
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे कानपुर के एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश यादव और पुलिस भर्ती में धन उगाही करने वाले मथुरा व एटा के दो चिकित्साधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके अतिरिक्त बदायूं जिला चिकित्सालय के एक वरिष्ठ चिकित्सक और वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के आरोपित कानपुर के एसीएमओ डॉ. सुबोध प्रकाश यादव व पुलिस भर्ती में मेडिकल जांच के नाम पर धन उगाही करने वाले मथुरा व एटा के दो चिकित्साधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनके अलावा वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, बदायूं जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सीतापुर में फर्श पर जच्चा-बच्चा को लेटाकर इलाज करने के मामले में भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा को दिए गए हैं। डॉ. सुबोध का वर्ष 2003 में अलीगढ़ से कानपुर नगर के लिए परामर्शदाता के पद पर तबादला किया गया था। वर्ष 2019 में उनकी लेवल-4 में पदोन्नति हो गई। इसके बावजूद अफसरों ने डॉ. सुबोध का तबादला नहीं किया। उन्हें कानपुर नगर में ही अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) के पद पर तैनाती दी गई।
आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग विभिन्न सप्लायरों से साठगांठ कर वित्तीय अनियमितताएं की। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। नवंबर 2024 में डा. सुबोध ने चीफ फार्मासिस्ट अवनीश कुमार शुक्ला, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदन सिंह के साथ अपने पद का दुरुपयोग किया। इस संबंध में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में संलिप्त कानपुर नगर स्थित आचार्य नगर के प्रोपाइटर मेसर्स जेएम फार्मा की जांच की। पता चला कि जेएम फार्मा से मिलीभगत कर जेम पोर्टल व अभिलेखों में हेराफेरी कर अधोमानक सामग्री प्राप्त कर नियम विरुद्ध तरीके से 1.60 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का कुचक्र रचा गया।
मामला संज्ञान में आने पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच कराई। दोषी पाये जाने पर विभाग व सरकार छवि धूमिल करने वाले डॉ. सुबोध को उप मुख्यमंत्री के आदेश पर निलंबित कर दिया गया। आरोपित चीफ फार्मासिस्ट व वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी के खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।मथुरा में उप्र पुलिस आरक्षी भर्ती प्रकिया में गठित मेडिकल पैनल के दो डॉक्टरों को अभ्यर्थियों से घूस लेने के आरोप में निलंबित किया गया है।
इनमें जिला चिकित्सालय में तैनात आर्थोपेडिक सर्जन डा. हरि नारायण प्रभाकर व एटा के जिला चिकित्सालय में तैनात डॉ. राहुल वार्ष्णेय शामिल हैं। प्रमुख सचिव ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
बदायूं जिला चिकित्सालय में तैनात डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव पर सीएमओ बांदा के पद पर रहते हुए आशा चयन प्रकिया में अनियमितता बरतने का आरोप है। इस वित्तीय भ्रष्टाचार की शिकायतों का मामला विधानसभा में भी उठा था। इस मामले की प्रारंभिक जांच मंडलीय अपर निदेशक चित्रकूट मंडल से कराई थी। जांच में डॉ. श्रीवास्तव को दोषी पाए जाने पर आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं।
जनता दर्शन में शिकायत के बाद डॉक्टर पर कार्रवाई
जनता दर्शन में वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) की शिकायतें मिलने से नाराज उप मुख्यमंत्री ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू पंत के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंडलीय अपर निदेशक चिकित्सा से अस्पताल का औचक निरीक्षण कराया।
जांच में कई अनियमितताओं और आदेशों का पालन न करने के आरोप में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू पंत को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए हैं। हमीरपुर जिला चिकित्सालय में तैनात नेत्र सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह पर भी रोगियों के इलाज में लापरवाही के आरोप विभागीय कार्रवाई आदेश दिए गए हैं। उन्होंने शिकायतों पर स्पष्टीकरण भी नहीं दिया। इसके अलावा सीतापुर में फर्श पर प्रसूता व नवजात शिशु के लेटे जाने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ था। इस मामले में भी जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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