यूपी में लगातार बढ़ रही है बीयर के शौकीनों की संख्या, बीयर की बिक्री में लगा रिकॉर्ड तोड़ उछाल!
लखनऊ में बीयर के शौकीनों की संख्या बढ़ रही है। आबकारी विभाग ने कंपोजिट शराब की दुकानें खुलवाई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में देशी शराब की दुकानों पर बीयर की बिक्री की अनुमति दी है। पिछले पांच वर्षों में बीयर की बिक्री अंग्रेजी शराब से अधिक रही है। उत्तर प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है जिससे सरकार को राजस्व में अच्छी वृद्धि हुई है।

मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। राज्य में बीयर के शौकीनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अंग्रेजी शराब की तुलना में बीयर की बिक्री में हो रही बढ़ोतरी के चलते आबकारी विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में कंपोजिट शराब की दुकानें भी खुलवाई हैं।
इन दुकानों पर अंग्रेजी शराब व वाइन के साथ-साथ बीयर की भी बिक्री हो रही है। साथ ही पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देशी शराब की दुकानों पर भी बीयर की बिक्री की मंजूरी दी गई है।
बीयर की बिक्री पर इस व्यवस्था की कितना असर पड़ेगा इसकी सटीक जानकारी आने वाले कुछ माह बाद मिलेगी। राज्य में पिछले पांच वर्षों में अंग्रेजी शराब की 13597.53 लाख बोतलों की बिक्री हुई है, जबकि बीयर के 30659.53 लाख केन (बोतल) की बिक्री हुई है।
इकोनामिक रिसर्च एजेंसी आइसीआरआइईआर रिपोर्ट के अनुसार अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में शराब पीने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश को शराब की बिक्री से 23,927 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो 2024-25 में बढ़कर 52,297 करोड़ रुपये हो गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने आबकारी विभाग को 62,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नई आबकारी नीति में कई बदलाव किए गए हैं। राज्य में पहली बार शराब की कंपोजिट दुकानें खोलने व ई-लाटरी के जरिए शऱाब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए गए हैं।
ई-लाटरी की प्रक्रिया के तहत प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में विभाग को करीब 2,380 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। नतीजतन पंजाब, ओडिसा व कर्नाटक सहित कई राज्यों की आबकारी विभाग की टीमें उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति-2025-26 का अध्ययन कर रही हैं।
आबकारी विभाग ने इस वर्ष शराब की दुकानों में बढ़ोतरी की बजाय 3,171 दुकानें कम खुलवाई हैं, लेकिन बीयर की 3,392 दुकानें ज्यादा खोली गई हैं। इनमें पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देशी शराब की दुकानों पर खोले गए बीयर के 2,799 काउंटर भी शामिल हैं। आबकारी आयुक्त डा. आदर्श सिंह बताते हैं कि नई आबकारी नीति राजस्व में बढ़ोतरी का जरिया बन रही है।
वर्ष | देशी शराब (बल्क लीटर में) | विदेशी मदिरा (लाख बोतल में) | बीयर (लाख कैन में) |
---|---|---|---|
2020-21 | 5197.42 | 2167.83 | 3267.76 |
2021-22 | 6530.31 | 2680.90 | 5483.96 |
2022-23 | 7738.76 | 2703.48 | 7071.80 |
2023-24 | 8161.77 | 2958.55 | 6976.84 |
2024-25 (मई तक) | 8852.62 | 3086.77 | 7859.17 |
योग | 36480.88 | 13597.53 | 30659.53 |
नोटः आबकारी विभाग बीयर के कैन व बोतलों की गणना कैन में ही करता है।
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