15 जुलाई तक अलर्ट! यूपी में सैकड़ों अवैध स्कूलों पर ताले लगेंगे, शासन ने जारी किया बड़ा आदेश
लखनऊ शिक्षक संगठनों की शिकायत पर बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आया। अधिक छात्रों वाले स्कूलों में प्रधानाध्यापक की तैनाती और अमान्य स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने विभागीय अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। शिक्षकों ने नामांकन पदोन्नति गलत डाटा और अवैध स्कूलों के मुद्दे उठाए थे। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कार्यवाही का आश्वासन दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षक संगठनों की शिकायतों को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग अब हरकत में आ गया है। अधिक बच्चों वाले विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की तैनाती से लेकर अमान्य विद्यालयों पर कार्रवाई की तैयारी है।
सात जुलाई को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के साथ शिक्षक संघों की बैठक में उठे ऐसे कई मुद्दों पर मंगलवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने विभागीय अधिकारियों को जांच और नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिक्षक प्रतिनिधियों ने बताया था कि कई जिलों में ऐसे स्कूलों को जोड़ा गया है जिनमें 50 से अधिक छात्र पहले से नामांकित हैं। कुछ मामलों में तीन किलोमीटर दूर स्थित स्कूलों को भी जबरन जोड़ा गया है। बदायूं जिले में 70 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों की पेयरिंग की शिकायत थी।
इसके अलावा, प्रतिनिधियों ने पदोन्नति वेतनमान में देरी, मानव संपदा पोर्टल पर गलत डाटा, एक ही विषय के कई शिक्षकों की तैनाती, और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की भरमार जैसे मुद्दे उठाए। ऐसे अमान्य स्कूलों के कारण सरकारी स्कूलों का नामांकन गिरा है।
ऐसे अमान्य विद्यालयों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। शिक्षक संगठन ने यह भी कहा था कि आरटीई के अनुसार 150 से अधिक छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों में पांच सहायक शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक होना जरूरी है, लेकिन ज्यादातर स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद ही खाली है।
गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी सहूलियत की मांग की गई। बेसिक शिक्षा मंत्री ने सभी बिंदुओं पर नियमों के तहत कार्यवाही का आश्वासन दिया था। इसके बाद महानिदेशक कंचन वर्मा ने स्कूल शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा सचिव और समग्र शिक्षा परियोजना के प्रभारी को निर्देशित किया है कि हर बिंदु की जांच कर जरूरी कार्रवाई की जाए।
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