मुजाहिदीन आर्मी के सरगना रजा का साथियों से कराया जाएगा सामना, ATS कर रहा पड़ताल
लखनऊ में मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसा फैलाने की साजिश रचने वाले मु. रजा और उसके साथियों से एटीएस पूछताछ करेगी। कोर्ट ने आरोपियों की आठ दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की है। मोबाइल डेटा में पाकिस्तानी संगठनों से जुड़ी जानकारियां मिली हैं। गिरोह इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवकों को जिहाद के लिए उकसाता था ऐसे कई कट्टरपंथियों को एटीएस ने चिन्हित किया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुजाहिदीन आर्मी बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने का षड्यंत्र रचने वाले मु. रजा का उसके साथियों से आमना-सामना कराया जाएगा। रजा व उसके चार साथियों के मोबाइल फोन से मिली जानकारियों के आधार पर उनसे सवाल-जवाब किए जाएंगे।
लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट ने केरल से पकड़े गए मुजाहिदीन आर्मी के सरगना रजा के अलावा अन्य आरोपित सुलतानपुर निवासी अकमल रजा, सोनभद्र निवासी सफील सलमानी उर्फ अली रिजवी, कानपुर निवासी मु.तौसीफ व रामपुर निवासी कासिम अली का आठ दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकार की है। रिमांड अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे आरंभ होगी। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पांचों आरोपितों से नए सिरे से पूछताछ करेगा। आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए युवाओं में जहर घोलने के लिए कट्टरपंथियों ने कई अलग-अलग ग्रुप बनाए थे। एटीएस मामले में कई अन्य कट्टरपंथियों की तलाश भी कर रहा है।
एटीएस ने आरोपितों के मोबाइल फोन की फारेंसिक जांच कराई है। सूत्रों का कहना है कि मोबाइल डाटा में पाकिस्तानी संगठनों से जुड़ी जानकारियां व नंबर भी हाथ लगे हैं। केरल से पकड़ा गया मास्टरमाइंड मुहम्मद रजा प्रदेश के कई शहरों में अपना नेटवर्क बढ़ा रहा था। उसके बैंक खाते में फंडिंग की रकम भी जुटाई जा रही थी। यह फंडिंग हिंसा फैलाने के लिए हथियार खरीदने व अन्य गतिविधियों के लिए विभिन्न प्रदेशों से हो रही थी। एटीएस रजा से इसे लेकर भी सिलसिलेवार पूछताछ करेगा।
गिरोह इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से युवकों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़कर जिहाद के लिए उकसाया जाता था। एटीएस ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू कराने के इरादे से इंटरनेट मीडिया पर वाट्सएप, टेलीग्राम व सिग्नल एप के माध्यम से जोड़े गए कई कट्टरपंथियों को चिन्हित किया है।
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