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    सपा प्रमुख के वार पर कृषि‍ मंत्री सूर्य प्रताप शाही का पलटवार, कहा- अखिलेश के समय में आत्महत्या करते थे किसान

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 10:21 PM (IST)

    कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अखिलेश यादव के खाद संकट के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि योगी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। उन्होंने खाद की उपलब्धता के आंकड़े दिए और बताया कि कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार किसानों को उर्वरक पर भारी सब्सिडी दे रही है।

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    कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अखि‍लेश पर क‍िया पलटवार।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा खाद के संकट को लेकर योगी सरकार पर किए गए वार पर बुधवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने तीखा पलटवार किया। कहा कि अखिलेश यादव के शासन काल में किसान न तो समय से बोआई कर पाते थे और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सुविधा मिलती थी। किसान आत्महत्या को मजबूर होते थे। याेगी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। समय से खाद, बेहतर बीज आदि सुविधाओं से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन 200 लाख टन बढ़ा है और वर्तमान में 737 लाख टन तक पहुंच चुका है।

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    उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में खाद और यूरिया की कोई कमी नही है। कालाबाजारी-मुनाफाखोरी को लेकर हुई कार्रवाई के आंकड़े गिनाए। बताया कि लापरवाही पर श्रावस्ती के जिला कृषि अधिकारी अशोक प्रसाद मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले सीतापुर और बलरामपुर के जिला कृषि अधिकारी भी निलंबित किए गए थे।

    खाद की मारामारी को लेकर मंगलवार को सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से किसान खाद को परेशान हैं। डबल इंजन की सरकार किसानों को खाद, बीज, पानी की सुविधा देने में पूरी तरह फेल हो चुकी है। कृषि मंत्री ने कृषि भवन में पत्रकार वार्ता कर इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को किसानों के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है। उनके शासनकाल में उस दौर में कर्ज में डूबे 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये योगी सरकार को माफ करने पड़े। यदि सपा सरकार इतनी ही किसान हितैषी थी तो किसानों को आत्महत्या क्यों करनी पड़ी। खाद की उपलब्धता को लेकर कहा कि फिलहाल 15.91 लाख टन उर्वरक उपलब्ध हैं।

    चालू खरीफ सीजन में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले साल की तुलना में साढ़े चार लाख टन अधिक है। 15 से ज्यादा जनपदों में 10 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया की खपत हुई है, फिर भी कहीं कमी नहीं होने दी गई। उन्होंने कहा कि यूरिया पर केंद्र सरकार 1,908 रुपये प्रति बोरी तक सब्सिडी दे रही है और किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर यह सब्सिडी न हो तो यूरिया की कीमत 2200 रुपये तक पड़ती। डीएपी, एनपी, एसएसपी और पोटाश पर भी सरकार बड़ी मात्रा में सब्सिडी दे रही है।

    उन्होंने कहा कि खाद को लेकर केवल कालाबाजारी और तस्करी करने वाले तत्व दिक्कत पैदा कर रहे हैं। गड़बड़ी पर अब तक 1196 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। 132 थोक विक्रेताओं को नोटिस दिए हैं, इनमें से 13 के लाइसेंस निलंबित और चार का लाइसेंस रद किया गया है। कालाबाजारी में 93 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। इसके अलावा महाराजगंज में 10 और सिद्धार्थनगर में आठ ऐसे लोग पकड़े गए हैं, जिन्होंने बिना जोत के ही कई-कई बार में दो-दो टन से अधिक तक यूरिया ली। इनकी जांच की जा रही है और कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी उपस्थित थे।

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