Lucknow: KGMU के 37 एमबीबीएस छात्रों को एक और मौका, 20 वर्षों में नहीं ले सके हैं डिग्री
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में बीते लगभग 20 वर्षों से 37 छात्र एमबीबीएस की डिग्री अपने नाम नहीं कर सके हैं। ऐसे में केजीएमयू कुलपति डा. बिपिन पुरी ने इन सभी छात्रों को एक और मौका देने के बाद एडमिशन रद्द करने का निर्णय लिया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में बीते लगभग 20 वर्षों से 37 छात्र एमबीबीएस की डिग्री अपने नाम नहीं कर सके हैं। ऐसे में केजीएमयू कुलपति डा. बिपिन पुरी ने इन सभी छात्रों को एक और मौका देने के बाद एडमिशन रद्द करने का निर्णय लिया है।
यह हैं दिशा निर्देश : नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के 2019 के नियमों के अनुसार, चिकित्सा जगत की पढ़ाई में चार वर्षों तक यदि एक छात्र डिग्री ले पाने में अक्षम होता है तो उसे संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस नियम को लागू करते हुए अब केजीएमयू प्रशासन ने लगातार चार साल फेल होने वाले छात्रों का एडमिशन रद्द कर करने का निर्णय लिया है।
कुलपति ने कहा कि फेल होने वाले छात्रों में ज्यादातर की शादी हो चुकी है। उनके बच्चे भी हैं जो स्कूल जाने लगे हैं। छात्र अभी भी एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं कर पा रहे हैं। इन छात्रों की पढ़ाई में मदद करवाने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में प्रशासन की ओर से एक समिति का गठन भी किया गया था जिस पर उनकी काउंसलिंग की गई।
उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई गई और उनके सत्र से जुड़े हुए कई अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने की कोशिश भी की गई। सभी प्रयासों का कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसके लिए हम अब इन सभी छात्रों को एक मौका और देने के बाद बाहर का रास्ता दिखाने को मजबूर हैं।