यूपी में नई फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री! योगी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला; लाखों लोगों को मिलेगी नौकरी
लखनऊ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत 19 नई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। राज्य स्तरीय समिति ने प्रशिक्षण केंद्रों के आधुनिकीकरण पर भी सहमति जताई है। युवाओं को प्रशिक्षण और उद्यमियों को सोलर प्लांट पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता पर जोर दिया गया है। नियमानुसार मंडी शुल्क स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति की योजना बनाई जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत 19 नई परियोजनाएं शुरू हाेंगी। राज्य स्तरीय एंपावर्ड समिति ने इन परियोजनाओं को अनुमाेदित कर दिया है। वहीं प्रशिक्षण केंद्रों के आधुनिकीकरण के लिए भी सहमति दी गई है।
बुधवार को लोकभवन में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई एंपावर्ड समिति की बैठक में परियोजनाओ के प्रस्ताव रखे गए थे। समिति ने सभी को लेटर आफ कंर्फट (एलओसी) जारी किए जाने की स्वीकृति दी। यह भी तय हुआ कि संबंधित इकाई जब उत्पादन शुरू करेगी, तब नियमानुसार मंडी शुल्क, स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति की योजना बनाई जाएगी।
अग्निशमन और प्रदूषण प्रमाण पत्र की समस्या के निदान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को अप्रैजल समिति की बैठक में विशेष तौर पर आमंत्रित कर चर्चा की जाए। समिति ने विभागीय 77 राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों के उच्चीकरण के प्रस्ताव पर पर भी सहमति जताई। इन केंद्रों में प्रतिवर्ष लगभग एक हजार युवाओं को सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीणा ने बताया कि 75 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर मिलने वाली सब्सिडी का 100 से अधिक उद्यमियों ने लाभ लिया है। वहीं नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट कानपुर निदेशक डा. सीमा परोहा ने बताया कि तीन माह में 100 नये उद्यमियों को गुड़ से बनने वाली सामग्रियों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बैठक में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए कच्चे माल की स्थानीय स्तर पर उपलब्धता कराने पर जोर दिया गया। इस दौरान विशेष सचिव उद्यान प्रेरणा शर्मा, निदेशक बीपी राम आदि मौजूद रहे।
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