यूपी में बच्चों के कफ सिरप के 164 नमूने लिए गए, राजस्थान, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर रोक
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने प्रदेश भर में अभियान चलाकर 164 कफ सिरप के नमूने लिए हैं। ये नमूने बच्चों के लिए हैं और प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। कोल्ड्रिफ सिरप की आपूर्ति नहीं मिली पर अन्य कंपनियों के सिरप मिले हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। अस्पतालों में बच्चों के कफ सिरप की आपूर्ति नहीं होती।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने सोमवार को प्रदेश भर में अभियान चलाकर 164 कफ सिरप के नमूने लिए हैं। यह सभी नमूने बच्चों को दिए जाने वाले कफ सिरप के हैं। इन्हें जांच के लिए लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
एफएसडीए के अनुसार शुरुआती जांच में कोल्ड्रिफ सिरप की प्रदेश में आपूर्ति नहीं पाई गई है, लेकिन बच्चों को दिए जाने वाले कफ सिरप के नमूने डाइथिलीन ग्लाइकाल और प्रोपाइलिन ग्लाइकाल की जांच के लिए लिए जा रहे हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप देने से बच्चों की मौत के बाद प्रदेश में भी जांच अभियान शुरू हो गया। एफएसडीए के अधिकारियों को छापेमारी में कोल्ड्रिफ सिरप नहीं मिला, लेकिन तमिलनाडु की स्रेसन फार्मा सहित कई अन्य कंपनियों के बच्चों को दिए जाने वाले कफ सिरप मिले हैं।
लखनऊ से लोहिया अस्पताल और एसजीपीजीआई के पास की दुकानों से 10 कंपनियों के कफ सिरप के नमूने लिए गए हैं। इसके अलावा आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, झांसी से भी कई कंपनियों के नमूने लिए गए हैं। औषधि निरीक्षकों ने थोक विक्रेताओं के पास भी कफ सिरप के भंडारण की जांच की है। देर शाम तक नमूने लिए जाने का कार्य जारी था।
गौरतलब है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी-जुखाम से पीड़ित बच्चों को दिए गए कोल्ड्रिफ सिरप में प्रतिबंधित डाइथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई थी। जबकि दवा निर्माण के मानकों के अनुसार कफ सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकाल 0.10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। एफएसडीए भी प्रदेश भर में कफ सिरप के नमूने लेकर प्रतिबंधित डाइथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा की जांच करेगा।
प्रदेश के अस्पतालों में बच्चों के कफ सिरप की आपूर्ति नहीं
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बच्चों को दिए जाने वाले कफ सिरप की आपूर्ति नहीं की जाती है। यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमएससीएल) के प्रबंध निदेशक उज्ज्वल कुमार ने बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप प्रदेश में नहीं लिया जाता है। बच्चों के सिरप की भी आपूर्ति कारपोरेशन नहीं करता है।
उधर, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि बच्चों में खांसी-जुखाम के इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अस्पतालों में दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाता है। उन्हें जरूरत पड़ने पर एंटीबायटिक दी जाती है। पांच साल कम उम्र के बच्चों में भी कफ सिरप न देने निर्देश दिए गए हैं।
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