यूपी में नौकरी की बहार! 15,431 करोड़ का निवेश; इन 10 शहरों में बनेगी टेक्सटाइल इंडस्ट्री
संत कबीर वस्त्र एवं परिधान योजना के तहत 10 पार्कों के लिए 15431 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिससे 101768 रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक पार्क 50 एकड़ में बनेगा जिसमे आधुनिक सुविधाएं होंगी। सरकार बुनकरों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगी और पावरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। संत कबीर वस्त्र एवं परिधान योजना के तहत राज्य में स्थापित होने वाले 10 पार्कों में निवेश के लिए 659 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। इन प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
निवेश सारथी पोर्टल पर प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार वस्त्र एवं परिधान पार्कों में 15,431 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया जाएगा। इससे लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने निवास पर संत कबीर वस्त्र एवं परिधान योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के लिए संत कबीर के नाम पर विभिन्न जिलों में 10 वस्त्र एवं परिधान पार्कों की स्थापना की जाएगी।
प्रत्येक पार्क को कम से कम 50 एकड़ भूमि पर आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा। इन पार्कों में सहायक इकाइयों के साथ सीईटीपी (सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र) भी निर्मित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है। इस क्षेत्र की क्षमता का सही उपयोग कर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई जा सकती है। वर्ष 2030 तक वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार 2.3 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने का अनुमान है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब डालर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है।
इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 1.5 प्रतिशत योगदान है। वर्तमान में इस क्षेत्र से लगभग 22 कर्मचारी जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मीरजापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिधान मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा।
साथ ही बटन, जिपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयां भी विकसित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को समयबद्ध सुविधाएं प्रदान करने के लिए योजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल अथवा नोडल एजेंसी के माध्यम से किया जाए। सरकार की ओर से पार्कों तक सड़क, विद्युत और जलापूर्ति जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने पावरलूम बुनकरों की उत्पादन लागत कम करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि बुनकरों की आय बढ़ाने के लिए उनके साथ लगातार संवाद कायम किया जाए। सरकार बुनकरों को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है। उन्होंने पावरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के निर्देश भी दिए हैं।
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