लखनऊ में भतीजे ने चाचा की हत्या की, पेंशन के लालच में दादी के सामने सीने में मारी गोली
लखनऊ के दुबग्गा में मां की पेंशन के रुपये के लिए एक दुखद घटना घटी। भतीजे और पोते ने मिलकर अंधे चाचा वीरेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। परिवार मे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ। दुबग्गा में मां की पेंशन के रुपये को लेकर हुए विवाद में भाई के बेटे और पोते ने मिलकर जन्म से दृष्टिबाधित 50 वर्षीय चाचा वीरेंद्र यादव उर्फ डोंगा की शुक्रवार शाम को गोली मारकर हत्या कर दी। गोली की आवाज सुन गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों के एकत्रित होने पर दोनों आरोपित फरार हो गए।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि भतीजे को पकड़ लिया गया है। पोते की तलाश में दबिश दी जा रही है।
डीसीपी ने बताया कि राजाजीपुरम के मेंहदी खेड़ा निवासी वीरेंद्र जन्म से ही दृष्टिबाधित थे। ऐसे में उनकी देखरेख मां अशोका ही करती थीं। जांच में सामने आया कि परिवार में कोई भी कमाता नहीं था।
पिता बेचालाल रेलवे में कार्यरत थे और 25 वर्ष पहले उनकी मृत्यु हो गई थी, ऐसे में मां को पेंशन मिलती थी। मां की पेंशन पर सबकी नजर रहती थी।
वहीं, मां के साथ रहने के कारण वीरेंद्र को सभी परेशान करते थे, जिससे तंग आकर मां अशोका वीरेंद्र को लेकर दुबग्गा के टांड़ खेड़ा गांव स्थित मायके में पिछले छह माह से रहने लगी थीं। ऐसे में भाई और भतीजे फोन कर बार-बार बुला रहे थे, लेकिन मां ने वापस आने से मना कर दिया था। पेंशन के रुपये भी नहीं दिए, जिससे वे नाराज थे।
शुक्रवार दोपहर वीरेंद्र गांव में मामा के घर के बाहर सड़क किनारे बैठे थे, तभी वहां बाइक से भतीजा जितेंद्र व पोता चिराग यादव पहुंचे। दोनों ने दादी अशोका से साथ चलने के लिए कहा तो वीरेंद्र ने मना कर दिया। जबतक कोई कुछ समझ पाता तबतक दोनों ने अवैध असलहे से वीरेंद्र के सीने पर गोली मार दी।
वह पास में हौदिया में जा गिरे और मौके पर ही दम तोड़ दिया। चीख पुकार मची तो दोनों आरोपित मौके से फरार हो गए। सूचना मिलते ही डीसीपी समेत अन्य पुलिसबल मौके पर पहुंच गया।
पूछताछ व बाइक की जानकारी मिलने पर तीन टीमों को तलाश के लिए लगाया गया। डीसीपी पश्चिम ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि कोई सही से कमाता नहीं था। इसलिए सभी अशोका की पेंशन पर निर्भर थे। वीरेंद्र उन्हीं के साथ रहते थे, इसी कारण उनकी हत्या कर दी गई।
संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। डीसीपी ने बताया कि भतीजे जितेंद्र को टीम ने गांव के पास से पकड़ लिया, लेकिन पोता चिराग मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। मामले में वीरेंद्र के ममेरे भाई कुलदीप यादव ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।

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