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अब लखनऊ वासियों को घर में रखने होंगे चार कूड़ेदान, जानें कैसे आपके काम आएगा अलग-अलग डि‍ब्‍बों का कचरा

Lucknow Nagar Nigam Update लखनऊ नगर निगम ने की शुरुआत प्रदेश के अन्य शहरों में भी जल्द शुरू होगी व्यवस्था। चौथे डिब्बे में डालने होंगे मॉस्क पीपीई किट ग्लब्स कैप ट्श्यिू पेपर एक्सपायर्ड मेडिसिन और सिरिंज ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 05:57 PM (IST)
अब लखनऊ वासियों को घर में रखने होंगे चार कूड़ेदान, जानें कैसे आपके काम आएगा अलग-अलग डि‍ब्‍बों का कचरा
Lucknow Nagar Nigam Update: लखनऊ नगर निगम ने की शुरुआत, प्रदेश के अन्य शहरों में भी जल्द शुरू होगी व्यवस्था।

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। Lucknow Nagar Nigam Update: घर से कूड़ा निकाला और उसे सड़क किनारे फेंक दिया। यह हमारी आदत में शामिल हो गया था। इस कूड़े में घर का हर अनुपयोगी सामान होता था। चाहे बचा हुआ भोजन हो या फिर सब्जी के छिलके, कांच, अनुपयोगी चिकित्सकीय सामान। समय के साथ दो डिब्बों में कूड़ा रखने को कहा गया, जो बाद में तीन डिब्बों में विभाजित कर दिया गया। अब आपको कूड़े के लिए चार डिब्बे रखने पड़ेंगे। इसमें सूखे कूड़े को विभाजित कर जैव अपशिष्ट की श्रेणी बनाई गई है। लखनऊ से चार डिब्बों की शुरुआत की जा रही है, जो जल्द ही प्रदेश के हर शहर में लागू होगी।

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अब घर से ही कूड़े की छंटाई पर जोर दिया जा रहा है। नगर निगम की तरफ से 110 चैपियंस (युवक-युवती) को इस काम में लगाया गया है, जो घर-घर जाकर कूड़े को अलग-अलग डिब्बों में रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

लापरवाही से ही मिक्स था कूड़ा: वैसे तो ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2016 में ही कूड़े को चार भागों में रखने का नियम बन गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था। लखनऊ नगर निगम ने भी स्वच्छ सर्वेक्षण चालू होने पहले एक डिब्बा रखने की अपील की, जो समय के साथ तीन तक पहुंच गई थी। ऐसे में स्वच्छ सर्वेक्षण की रैकिंग भी कम हो रही थी। दस दिन से नगर निगम चार डिब्बे रखने की अपील कर रहा है। चौथा डिब्बा सूखे कचरे से कुछ आइटम को हटाकर बनाया गया है। अभी तक सूखे कचरे में सेनेटरी नैपकिन और डाइपर को भी शामिल किया गया था, लेकिन अब उसे जैव अपशिष्ट श्रेणी में रखा गया है।

चार डिब्बों में ऐसे रखना होगा कूड़ा

नीलेे डिब्बेे में सूखा खचरा: अखबार, प्लास्टिक, लोहा, कपड़ा, सोल, कांच, पैकेजिंग मैटेरियल, टूटे हुए खिलौने

हरेे डिब्बेे में गीला कचरा: किचन से बची हुई खाद्य सामग्री, फल, सब्जी के छिलके, घास, मीट, पेड़ की पत्तियां, राख, चाय की पत्ती, बचा खाना

पीलेे डिब्बेे में जैव अपशिष्ट कचरा: सेनेटरी वेस्ट जैसे वाइपर, सेनेटरी नैपकिन, एक्सपायर्ड, मेडिसिन, उपयोग की गई सुईं, सिरिंज कोविड-19 वेस्ट जैसे मॉस्क, पीपीई किट, ग्लब्स, कैप, टिशू पेपर

काले डिब्बे में घरेलू हानिकारक कचरा: उपयोग किए गए पेंट के डिब्बे, पेस्टीसाइड के डिब्बे, सीएफएल बल्ब, ट्यूबलाइट, टूटी हुई मरक्यूरी, थर्मामीटर, अनुपयोगी बैटरी

अलग-अलग कूड़ा ऐसे होगा उपयोगी

  • गीले कूड़े से खाद बन जाएगी
  • सूखे कूड़े का उपयोग इंटरलाकिंग टाइल्स बनाने में हो सकेगा।
  • प्लास्टिक को फिर से रीसाइकिल कर उससे खिलौने बन सकते हैं।

लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में कूड़ा

  • हर दिन निकलता है 1300 से 1400 मीट्रिक टन कूड़ा
  • 50 प्रतिशत गीला कूड़ा होता है
  • 45 प्रतिशत कूड़ा सूखा होता है, जिसमें पांच प्रतिशत जैव अपशिष्ट और पांच हानिकारक कूड़ा होता है।
  • पांच प्रतिशत अनुपयोगी कूड़ा होता है, जिसका कोई भी उपयोग नहीं हो सकता है और उसका लैंडफिल में काम लिया जाता है।

क्‍या कहते हैं नगर आयुक्त: नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के मुताबिक, घरों से अगर कूड़ा छंट कर मिलेगा तो उसका अलग-अलग उपयोग हो सकेगा। ऐसे मिक्स कूड़े को छांटने में मशीन की मदद ली जाती है, लेकिन यह लंबा प्रोसेस है और फिर भी कूड़े की ठीक से छंटाई नहीं हो पाती है। अब शहरवासियों से अपील की जा रही है कि वह चार डिब्बों में ही अलग-अलग कूड़ा रखे और नगर निगम की गाड़ी में लगे चार डिब्बों में ही उसे अलग-अलग डालें। 210 गाडिय़ों में चार डिब्बे लगाए गए हैं और शेष अन्य गाडिय़ों में भी चार डिब्बे किए जा रहे हैं।


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