लखनऊ नगर निगम में 33.91 अरब का पुनरीक्षित बजट मंजूर, इन कामों पर खर्च होगा सबसे ज्यादा पैसा
लखनऊ नगर निगम के पुनरीक्षित बजट 2025-26 को मंजूरी मिल गई है, जो 33.91 अरब रुपये का है। इस बजट में सड़कों की मरम्मत, नाले के निर्माण और पार्कों की देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पशु चिकित्सा विभाग का बजट भी बढ़ाया गया है, और आय में वृद्धि के लिए वसूली अभियान तेज करने का निर्णय लिया गया है। जलकल विभाग ने लाभ का बजट पेश किया है, जिससे शहर की नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यसमिति ने नगर निगम के पुनरीक्षित बजट (2025-26) को मंजूरी दे दी। मूल बजट 33.07 अरब को शामिल करते हुए पुनरीक्षित बजट 33.91 अरब को पारित किया गया है।
सड़कों की मरम्मत, नाले निर्माण, पार्कों की देखरेख, गोशालाओं के संचालन आदि पर खर्च होंगे 2,265.41 करोड़ और सरकारी अनुदानों से चलने वाली योजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन, अमृत मिशन, सीएम ग्रिड योजना, आधारभूत ढांचा विकास, शूटिंग रेंज निर्माण, गौशाला निर्माण 1,092 करोड़ खर्च होंगे।
मंगलवार को दोपहर तीन बजे से एक घंटा चली बैठक तक महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता और नगर आयुक्त गौरव कुमार की मौजूदगी में व्यय मद में 84 करोड़ की वृद्धि की गई है। इसमे 55 करोड़ से सड़कों का निर्माण होगा, जिसमे बीस करोड़ से पैचवर्क के कार्य होंगे।
नाला निर्माण, क्रासिंग और पुलिया निर्माण पर मूल बजट से 19.80 करोड़ की वृद्धि की गई है। पशु चिकित्सा विभाग का बजट आठ करोड़ बढ़ाया गया है, जिसमे एनिमल्स बर्थ कंट्रोल सेंटर के साथ ही कुत्तों के शेल्टर होम भी बनाए जाएंगे पुनरीक्षित बजट में किसी नए कर को लगाने और किसी कर में वृद्धि नहीं की गई है लेकिन आय बढ़ाने में वसूली अभियान तेज चलाने का निर्णय लिया गया।
कर के दायरे से छूटे हुए भवनों को से भवन कर वसूला जाएगा। मूल बजट में भवन कर से 6.83 अरब की आय की वृद्धि की गई थी, जिसे बढ़ाकर 7.50 अरब किया गया है। ऐसे में नगर निगम को 31 मार्च तक मूल बजट से अतिरिक्त आय करनी होगी।
महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कार्यकारिणी समिति के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पैचवर्क समेत कई जनुपयोगी कार्यों का बजट बढ़ाया गया और साथ में आय भी वृद्धि का प्रावधान किया गया है।
पुनरीक्षित बजट में देनदारी को घटाकर पौने चार अरब किया गया है, मूल बजट में देनदारी चार अरब से अधिक थी। नगर निगम कठौता झील के संचालन के लिए जलकल विभाग को दी जाने वाली 12 करोड़ की राशि नहीं देगा। कारण यह कि जलकल विभाग ने लाभ का बजट पेश किया है।
बजट में खास
सड़कों की मरम्मत पर 55 करोड़ और खर्च होगा, जिसमे बीस करोड़ से पैचवर्क के कार्य होंगे। दस करोड़ से कराए गए पैचवर्क से कई सड़कों के गड्ढे नहीं भर पाए थे। मूल बजट (2025-26) में सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण मद में 2.71 अरब अरब खर्च का प्रावधान था, जिसे पुनरीक्षित बजट में बढ़ाकर 3.26 अरब किया गया है।
कुडिय़ाघाट के पास सुरक्षा के लिए कमरा निर्माण व नगर निगम की जमीनों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ खर्च होंगे नाला निर्माण और उसे कवर करने का बजट बीस लाख से बढ़ाकर बीस करोड़ किया गया है।
स्ट्रीट लाइट के नए कार्यों पर दो करोड़ की वृद्धि की गई है। बजट को पांच करोड़ से सात करोड़ किया गया है। स्ट्रीट लाइट की मरम्मत पर छह करोड़ (कोई वृद्धि नहीं) शहरी निर्धन बस्तियों में स्ट्रीट लाइट पर पांच लाख अस्थायी प्रकाश व्यवस्था पर तीन करोड़ इसमे भी मूल बजट से कोई वृद्धि नहीं की गई स्ट्रीट लाइट के अनुरक्षण पर कोई वृद्धि न करते हुए 48 करोड़ ही रखा गया है।
नालों की सफाई पर 15 करोड़, बाढ़ पंपों के संचालन पर पांच करोड़, पेट्रोल व डीजल पर 32.50 करोड़, मूल बजट में बीस करोड़ का प्रावधान था। नए कूड़ाघरों और मूत्रालयों के निर्माण पर एक करोड़ रखा गया है। शौचालय और मूत्रालय की मरम्मत पर डेढ़ करोड़, नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 3.30 अरब, संविदा पर सफाई कार्य 1.30 अरब, स्ट्रीट लाइट के सामानों की खरीद पर 6.50 करोड़, कल्याण मंडप पर एक करोड़, लावारिश शवों के निस्तारण पर पांच लाख, श्मशान घाट और कब्रिस्तान की मरम्मत पर एक करोड़, यातायात व्यवस्था पर तीन करोड़, औद्योगिकी व शहरी निर्धन क्षेत्र के विकास पर पांच करोड़, आवस्थापना निधि से कराए जाने वाले निर्माण कार्य 1.80 अरब दिए गए।
इसके अलावा वेंडिंग जोन के निर्माण व संचालन पर खर्च होंगे दस करोड़, कल्याण मंडप के निर्माण में पचास लाख की वृद्धि कर उसे डेढ़ करोड़ किया गया है।
आय पक्ष-
- मूल बजट के साथ पुनरीक्षित प्रावधान
- औद्योगिकी क्षेत्र से भवन कर चार करोड़
- वाहनों अन्य गाडिय़ों पर कर दस लाख
- कुत्तों व बिल्ली पर कर पचास लाख
- विज्ञापन शुल्क 16 करोड़
- प्रेक्षागृहों पर कर डेढ़ करोड़
- लीज रेंट से डेढ़ करोड़
- कल्याण मंडप से किराया पांच करोड़
- अहाना इंक्लेव बहुमंजिला बिल्डिंग से 130 करोड़
- शैक्षिक संस्थानों से शुल्क 60 लाख
- पार्किंग ठेकों के आय 15 करोड़
- अनुज्ञप्ति शुल्क 6.80 करोड़
- यूजर चार्ज से एक अरब
- दो प्रतिशत स्टाम्प
- शुल्क से आय 1.80 अरब
- सुंदरीकरण शुल्क दस करोड़
- नगर निगम तथा अन्य अधिनियमों के अधीन अर्थदंड छह करोड़
- रोड कटिंग से दस करोड़
- विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के योजना हस्तांतरण एवं अन्य से आय 50 करोड़
- ब्याज से 45 करोड़ पेयजल और सीवेज योजना पर भी खर्च होगी रकम
जलकल विभाग ने 1.45 करोड़ लाभ का बजट प्रस्तुत किया, जिसे भी कार्यकारिणी ने मंजूरी प्रदान की। कार्यकारिणी की बैठक में जलकल महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि शहर की आधारभूत सुविधाओं, स्वच्छता, जलापूर्ति, सीवर व्यवस्था और नागरिक सेवाओं को और बेहतर बनाना है।
पानी की शुद्धता पर 22.35 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मैनहोलों पर ढक्कन लगान पर 1.60 खर्च और नलकूपों की मोटर पंप की मरम्मत और अनुरक्षण पर 3.50 करोड़, सबमर्सिबल पंपों की मरम्मत पर भी 25 करोड़ खर्च होगा। पेयजल आपूर्ति, सीवर प्रबंधन समेत अन्य कार्यों का मूल बजट 53.55 करोड़ था, जिसे पुनरीक्षित प्रावधान में 82.25 करोड़ कर दिया गया है। जलकल विभाग ने कई मदों में मूल बजट से पुनरीक्षित बजट में वृद्धि की है। इसमे पाइप लाइन की मरम्मत व अनुरक्षण पर चार करोड़, सीवेज पम्पिंग स्टेशन की मरम्मत और अनुरक्षण पर बीस लाख, मैनहोल मरम्मत 50 लाख, झील व रा वाटर चैनलों की सफाई पर 12 करोड़, पाइप लाइनों के विस्तार पर 2.50 करोड़ सीवर लाइनों का विस्तार सौ करोड़, नलकूप बोरिंग व रिबोरिेंग पर सात करोड़ खर्च होंगे।

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