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लखनऊ मेट्रो का आइकन बना अमौसी एयरपोर्ट, हाईटेक होंगी सुविधाएं

स्टेशन से वॉकिंग डिस्टेंस पर लखनऊ एयरपोर्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 10:28 AM (IST)
लखनऊ मेट्रो का आइकन बना अमौसी एयरपोर्ट, हाईटेक होंगी सुविधाएं
लखनऊ मेट्रो का आइकन बना अमौसी एयरपोर्ट, हाईटेक होंगी सुविधाएं

लखनऊ, [अंशू दीक्षित] । करीब 240 मीटर लंबे स्टेशन में फूड लाउंज से लेकर मिनी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का आनंद उठा सकेंगे। मेट्रो से उतरते ही यात्रियों को स्वचालित सीढ़ियों से कांकोर्स एरिया में पहुंचते ही चकाचौंध दिखेगी। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय विमानों से सफर करने वाले यात्रियों से जुड़ी हर चीज यहां बन रहे प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एरिया (पीडीपी यानी कमर्शियल एरिया) पर उपलब्ध हो सकेगी। यह ऐसा मेट्रो स्टेशन है, जो लखनऊ में चलने वाली सभी मेट्रो को एयरपोर्ट से कनेक्ट करेगा। वर्तमान में इसे 20 मेट्रो स्टेशनों से जोड़ा गया है। स्टेशन परिसर से बाहर निकलते ही सिर्फ सौ मीटर दूरी पर एयरपोर्ट परिसर से कनेक्ट हो जाएंगे।

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लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) के लिए चौधरी चरण सिंह स्टेशन चुनौती बना था। 17 जुलाई 2017 को स्टेशन बनाने का काम निजी कंपनी सैम इंडिया को मिला और सितंबर 2017 से कंपनी ने काम करना शुरू किया। भारत में यह पहला भूमिगत मेट्रो स्टेशन है जो सिर्फ सत्रह माह (31 जनवरी 2019) में बनकर तैयार होने जा रहा है। पिछले सत्रह माह में राष्ट्रीय अवकाश व मजदूर दिवस को छोड़कर यहां एक भी दिन काम बंद नहीं हुआ। दो पालियों में काम करते हुए यहां स्टेशन कंट्रोल रूम, टिकट काउंटर, ईएफओ, पेड एरिया, इलेक्टिक रूम, सिगनल रूम सहित एक दर्जन से अधिक रूम हैंडओवर कर दिए गए हैं। लखनऊ मेट्रो की टीम ने यहां सिविल वर्क पूरा करने के साथ ही फिनिशिंग का काम भी पूरा करना शुरू कर दिया है। 46 दिनों में लखनऊ मेट्रो व कार्यदायी संस्था को इस पूरे स्टेशनों को तैयार कर लिया जाएगा और एयरपोर्ट से मेट्रो को भी कनेक्ट कर दिया जाएगा। हालांकि पब्लिक के लिए मेट्रो शुरू होने तक इस रास्ते को आम पब्लिक के लिए बंद रखा जाएगा।

 

क्या हैं विशेषताएं

  • दो हजार स्क्वायर फीट में पीडीपी एरिया।
  • दोनों ट्रैक के बीच कोई दीवार नहीं।
  • भारत में सबसे जल्दी बनने वाला भूमिगत स्टेशन।
  • एयरपोर्ट से सिर्फ 100 मी. दूरी पर।
  • दो स्टेशनों के बीच सिर्फ 710 मीटर दूरी।
  • छह कोच की मेट्रो के हिसाब से डिजाइन।
  • आने वाले सौ वर्ष के लिए किया गया डिजाइन। 

भविष्य में क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

  • हवाई यात्री अपना लगेज यहां बुक करा सकेंगे।
  • निजी एयरलाइंस अपने टिकट काउंटर भी खोलेंगी।
  • लखनऊ के पर्यटन स्थल की जानकारी के लिए काउंटर।
  • बिजली, हाउस टैक्स, टेलीफोन के बिल जमा करने की सुविधा मिलेगी।
  • एसजीपीजीआइ, गोमती नगर और पुराने लखनऊ के लिए मेट्रो से होंगे कनेक्ट।

इन स्टेशनों से होगा एयरपोर्ट कनेक्ट

चौधरी चरण सिंह मेट्रो स्टेशन, अमौसी, ट्रांसपोर्ट नगर, कृष्णा नगर, सिंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग बस अड्डा, मवैया, दुर्गापुरी, चारबाग रेलवे स्टेशन, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज, केडी सिंह स्टेडियम, लखनऊ विश्वविद्यालय, आईटी कॉलेज, बादशाह नगर, लेखराज मेट्रो स्टेशन, आरएस मिश्र, इंदिरा नगर और मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन है। खास बात होगी कि एक मेट्रो स्टेशन अपने आसपास स्थित पांच किमी. से अधिक क्षेत्र के लोगों को अपनी बेहतर सुविधा के कारण आकर्षित करेगा।

एक करोड़ यात्रियों का होगा हब

चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आने वाले चंद सालों में एक करोड़ यात्रियों का हब होगा। वर्तमान में यहां से प्रतिवर्ष पचास लाख से अधिक सफर करते हैं। इस एयरपोर्ट का दायरा और विस्तृत किया जा रहा है। विमानों की संख्या बढ़ेगी और शहर के अलग अलग क्षेत्रों से आने वाले यात्री मेट्रो से सीधे कनेक्ट होंगे, इससे मेट्रो की राइडरशिप बढ़ेगी।


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