UP News: धर्म बदलकर युवती से दुष्कर्म के दोषी की जमानत अर्जी खारिज, फर्जी आधार कार्ड दिखाकर की थी शादी
लखनऊ में फर्जी पहचान से हिंदू युवती से विवाह और दुष्कर्म के आरोपी कमरूल हक की जमानत याचिका खारिज हो गई। उस पर आरोप है कि उसने विवेक कुमार रावत के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर पीड़िता से विवाह किया। पीड़िता ने रहीमाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया जिसके बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।

विधि संवाददाता, लखनऊ। फर्जी दस्तावेजों से अपनी पहचान बदलकर हिंदू युवती से विवाह और दुष्कर्म करने के आरोप में दोषी अभियुक्त की जमानत अर्जी को एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने खारिज कर दी। कमरूल हक ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अपनी पहचान विवेक कुमार रावत बताते हुए वंचित समाज की सामाजिक कार्यकर्ता के साथ दुष्कर्म किया था।
पीड़िता ने रहीमाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह ब्लाक स्तर पर वृद्ध महिलाओं के पेंशन बनवाने का काम करती है। आरोपित कमरूल हक ने पेंशन बनवाने के बहाने से वादिनी से बातचीत की और अपना फर्जी नाम विवेक कुमार रावत बताया।
आरोपित ने पीड़िता को अपना फर्जी आधार कार्ड भी दिखाया था। उसी कारण पीड़िता ने विश्वास करके उससे 2017 में आर्यसमाज मंदिर में विवाह कर लिया। कमरूल हक तीन वर्षों तक पीड़िता के घर पर ही रहा।
आरोप है कि कुछ समय बाद आरोपी काम का बहाना करके घर से चला गया और काफी समय तक वापस नहीं आया। जिसके बाद वादिनी ने स्वयं खोजबीन की तो पता चला कि आरोपी का असली नाम कमरूल हक है।
जब पीड़िता नौ जून 2025 को आरोपी के घर गई तो आरोपी के घर वाले ने जान से मारने की नीयत से पीड़िता पर हमला कर दिया। पीड़िता द्वारा पुलिस को सूचना दी गई, तब उसकी जान बच सकी।
कोर्ट में सरकारी वकील अरविंद मिश्रा ने आरोपी कमरूल हक को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी कमरूल मुस्लिम है लेकिन उसने धोखाधड़ी करते हुए अनुसूचित जाति की महिला को अपना छद्म नाम बता कर आर्यसमाज मंदिर में जाकर पीड़िता से विवाह करने का प्रपंच किया तथा पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाये।
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