लखनऊ में अब तीन तेंदुओं की दहशत, जिन्हें मिली पकड़ने की जिम्मेदारी इस कमी की वजह से तो वे भी भयभीत
लखनऊ में तेंदुओं के बढ़ते आतंक से लोग दहशत में हैं। काकोरी कैंट और कुर्सी रोड के पास तेंदुए देखे गए हैं जिससे वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग के पास सुरक्षा उपकरणों की कमी है जिससे कर्मचारियों को खतरा है। पहले भी तेंदुए को पकड़ने में लापरवाही बरती गई थी जिसके चलते अब स्थिति और गंभीर हो गई है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। एक दो नहीं तीन तेंदुए राजधानी में होने का अहसास करा चुके हैं। काकोरी के रहमान खेड़ा, कैंट में इच्छुपुरी कालोनी और मंगलवार को कुर्सी रोड स्कार्पियों क्लब के पास तेंदुआ देखा गया। वन विभाग भी मान रहा है कि अब तीन तेंदुए हो गए लेकिन शायद विभाग को किसी अप्रिय घटना का इंतजार है, जिस तरह से अन्य शहरों में तेंदुए हमला कर लोगों को मार रहे हैं, लापरवाही से वैसा ही हाल लखनऊ में ही भी हो सकता है।
यह हाल राजधानी का है, जहां वन विभाग के बड़े अधिकारी तक बैठते हैं लेकिन तेंदुए नहीं पकड़े जा रहे हैं। वन विभाग सिर्फ जागरुकता फैलाने की बात कह रहा है, जबकि डंडे से लैस सुरक्षा कर्मियों के ऊपर तेंदुआ पकडऩे की जिम्मेदारी दी गई है, जो खुद भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
दरअसल पारा में निकले तेंदुए को इसलिए पकड़ लिया गया था, तब रहमान खेड़ा में बाघ पकडऩे वाली टीम मौजूद थी। तेंदुआ पकडऩे के लिए बिजनौर जिले से आई टीम को उतारा गया था, जिनके पास हेलमेट और सुरक्षित जैकेट भी थी लेकिन पांच मार्च को बाघ तो पकड़ा गया था लेकिन 90 लाख की उधारी छोड़ गया था, जिसे चुकता न करने के कारण अब कोई वन विभाग को उपकरण व अन्य संसाधन भी नहीं उपलब्ध करा रहा है।
ऐसे हालात में किसी खतरनाक वन्यजीव को पकडऩा अब वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। वन विभाग के कर्मचारी भी मानते हैं कि बिना सुरक्षा संसाधनों और उपकरणों के बिना किसी खतरनाक वन्यजीव को पकडऩा संभव नहीं है और ऐसा करने से कर्मचारी को भी नुकसान हो सकता है।
सुरक्षा की दृष्टि से तेंदुआ पकडऩे के अभियान में वन्यजीव को बेहोश करने वाली गन के साथ ही विशेष तरह का हेलमेट होना चाहिए, जिससे अगर हमला होता है तो बचा जा सकता है। खास तरह से बनी जैकेट होना चाहिए, जिससे हमले के समय शरीर करे किसी भाग में गहरी चोट न आ जाए।
बीस दिसंबर को दिखा तेंदुआ अभी तक नहीं पकड़ा गया
बाघ को पकडऩे के दौरान काकोरी के कई क्षेत्रों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ कैद हो गया था लेकिन वन विभाग ने उसे पकडऩे के बजाय सारा जोर बाघ को पकडऩे में लगाया था और तेंदुआ होने की बात को दबाने में लगे रहे थे। इस व्यस्क तेंदुआ को पकड़ा नहीं गया तो पिछले माह ही काकोरी के रहमान खेड़ा में तेंदुआ देखे जाने से दहशत बनी हुई है
कुर्सी रोड के पास स्वार्पियों क्लब के पास मंगलवार रात में तेंदुआ देखा गया था। वहां पर वन विभाग की टीम भी पहुंची, वह टार्च की रोशनी में दिखाई दिया लेकिन उसके बाद से उसकी लोकेशन नहीं मिली है। -कमलेश कुमार रेंज अफसर वन विभाग
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