यूपी में रह रहे इन किराएदारों को मिल गया अपना घर, पहले लगा झूठ है मगर शाम को खुशी से झूम उठे
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के तहत 72 दुर्बल आय वर्ग के लोगों को फ्लैट आवंटित किए। कई आवंटियों को फोन पर सूचना मिलने पर पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में एलडीए कार्यालय पहुंचने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मुख्यमंत्री ने सभी को 51 बर्तनों का सेट उपहार में दिया। आवंटियों का कहना है कि अब वे शहर के पॉश इलाके में मकान मालिक बनकर रहेंगे।

प्रतीकात्मक तस्वीर
धर्मेश अवस्थी, लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी से छीनी जमीन पर बनी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के अधिकांश आवंटी लाटरी में नहीं पहुंचे थे, क्योंकि उन्हें 10 व 11 नवंबर को लाटरी होने की सूचना थी। फोन पर फ्लैट मिलने की सूचना उन्हें झूठ लगी।
शाम को एलडीए ने जब औपचारिकताएं पूरी कराई तो सभी खुशी से झूम उठे। 72 दुर्बल आय वर्ग के लोगों को आवास का आवंटन हो गया है लेकिन, किसी ने गृह प्रवेश नहीं किया है, अभी पेंटिंग, रजिस्ट्री आदि की प्रक्रिया अधूरी है। आवंटियों का कहना है कि किराएदार थे अब नए साल में शहर के पाश इलाके में मकान मालिक बनकर ठसक से रहेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही डालीबाग में बने 72 फ्लैटों में से 10 के आवंटन पत्र गरीब परिवारों को सौंपा था। योजना के दूसरे फेज में फ्लैट नंबर 48 के आवंटी सोनू कनौजिया ने बताया, मंगलवार को पाैने एक बजे वे बांग्ला बाजार चौराहे के पास दूध की सप्लाई कर रहे थे, तभी मोबाइल बजा।
नाम पूछने के बाद उधर से बताया गया एलडीए का फ्लैट आपको मिला है? यह सूचना झूठ लगी, सोचा अमीर डिजिटल अरेस्ट होते थे, क्या गरीब को भी फंसाने की योजना है। समझाया गया विश्वास न हो तो इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान आ जाइए, चार बजे वहां पहुंचे तो लाटरी खत्म हो चुकी लेकिन, सूची चस्पा थी।
उसमें नाम था वहां एक कर्मचारी ने बताया, शाम को साढ़े छह बजे एलडीए कार्यालय जाइए, तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। कानपुर के मूल निवासी सोनू आशियाना पावर हाउस के पास 15 साल से 330 वर्गफीट के मकान में किराए पर रह रहे हैं। तीन बेटियां पढ़ रही हैं, ऐसे में तत्काल नहीं जा सकते। नये साल में शिफ्ट करेंगे।
फ्लैट संख्या 10 की आवंटी शिखा अग्रवाल 12 साल से लखनऊ में रहकर प्राइवेट जाब कर रही हैं, पोलियो की वजह से बैसाखी लेकर चलती हैं, कम वेतन व नरही के एक छोटे कमरे में वह माता-पिता को चाहकर भी साथ नहीं रख पा रही थी। प्रयागराज की मूल निवासी शिखा ने कहा, अब उनके मम्मी-पापा साथ रहेंगे।
बताया, दैनिक जागरण में पढ़ा था मंगलवार को लाटरी होगी, उसे यू-ट्यूब पर लाइव देखा और जब उनका नाम आया तो आंखों से आंसू बहने लगे, शिखा ने कहा, माफिया था, अब नहीं है और योगीराज में होगा भी नहीं, इसलिए वहां रहने में डर नहीं लगेगा, बल्कि गर्व होगा।
फ्लैट संख्या 70 के आवंटी बलिया के सचिन सिंह ने बताया, 10 साल से इंदिरा नगर में सिद्धार्थ नगर के विकास मिश्रा के साथ रूम शेयर करके जैसे-तैसे रह रहे थे। इधर नौकरी छूट गई थी, तीन नवंबर को शाम चार बजे आवेदन किया, दूसरे ही दिन शहीद पथ पर बाइक चला रहे थे 11 बजे फोन आया कि फ्लैट मिल गया है, लगा स्कैम का शिकार हो गए।
एक दोस्त को लेकर पता करने गए क्या ये सच है, वहां सपना साकार हो गया। अब पत्नी व बेटे को साथ रखेंगे। घर की चाभी मिलते ही रहने लगेंगे। सीतापुर की मधुरानी को फ्लैट नंबर 59 मिला है, पति नहीं है, यह फ्लैट बेटी व दामाद को देंगी। बताया, गांव में प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला था, इस बार दामाद राेहित ने फार्म भरवाया था, बेहता में किराए के मकान में सफाई करो, पानी ज्यादा न लो जैसे उलाहने सुनने पड़ते थे, अब अपना घर होगा, बोलीं, बस एलडीए जल्दी घर दे दे।
जौनपुर की सुमन गुप्ता को फ्लैट नंबर 64 मिला है। उन्हें जब एलडीए से तीन बजे फोन आया था तो भरोसा नहीं हुआ था, मुंशी पुलिया से एलडीए कार्यालय पहुंची तो अश्रु बहाकर खुशी जताई। बताया, मुख्यमंत्री ने उन सबको 51 बर्तनों का सेट उपहार में दिया है। कब घर में रहने को मिलेगा, यह अभी कुछ पता नहीं है।

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