UP Highway: यूपी के इस हाइवे पर बीते छह महीने में 19 लोगों की गई जान, विभाग के दावों की खुली पोल
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर सड़क हादसों में वृद्धि चिंताजनक है जहाँ बीते छह महीनों में 19 लोगों की जान गई। शहर में भी हर महीने लगभग 50 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। 80 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिह्नित होने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। जिम्मेदार विभागों के दावों के बावजूद जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं आया है।

आयुष्मान पांडेय, लखनऊ। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के सारे दावे सभी विभागों के फेल ही साबित हुए हैं। पूरे शहर की तो दूर, सिर्फ लखनऊ -कानपुर हाईवे की बात करें तो बीते छह महीने में 19 लोगों ने जान गंवा दी है। यह वो आंकड़े हैं जो लखनऊ पुलिस के दस्तावेजों में दर्ज हैं।
ऐसे और भी सड़क हादसे हैं जिनमें परिवार ने शिकायत तक नहीं की। अगर हादसों की यह रफ्तार रही तो बीते पांच वर्षों का मौतों का आंकड़ा इस वर्ष पार हो जाएगा। परिवहन, पीडब्ल्यूडी समेत सभी विभाग कागजों में हादसे कम होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही है।
सड़क हादसों को रोकने के लिए जिम्मेदारों ने विभागों को सख्त चेतावनी दे रखी है। जिसपर विभागों ने हाथ-पैर मारते हुए ब्लैकस्पाट घोषित किए।कुछ स्थानों पर खानापूर्ति कर फिर हालातों पर छोड़ दिया।
हादसों में संख्या कम होने की जगह और बढ़ गई है। इसका ताजा उदाहरण लखनऊ-कानपुर हाइवे है। जहां वर्ष 2025 के छह महीनों में अबतक 31 हादसे हो चुके हैं, जिसमें 19 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। यह सिर्फ छह महीने के हालात है।
बीते अगर बीते पांच वर्ष की करें तो वर्ष 2020 में 50 हादसों में 26 की मौत, वर्ष 2021 में 53 में 29 की मौत, वर्ष 2022 में 56 में 30 की मौत, वर्ष 2023 में 59 में 33 लोगों की मौत और वर्ष 2024 में 47 में 33 लोगों ने जान गवाई है। यह पांच पूरे पांच वर्षों के आंकड़े हैं।
जबकि 2025 के छह महीने में हादसों की संख्या 31 पहुंच सकी है। इसी रफ्तार से हादसे होते रहे तो सभी वर्षो का आंकड़ा इस वर्ष टूट जाएगा। अब जिम्मेदार इसको कैसे रोकते हैं, यह देखने वाले बात होगी।
शहर में हर महीने 50 लोग गवां रहे जान
बात अगर शहर के आंकड़ों की जाए तो वह और चौकाने वाले हैं। वर्ष 2025 में जनवरी से जुलाई तक एक हजार हादसे हुए हैं, जिसमें 394 लोगों ने जान चली गई। जबकि 698 लोगों घायल हुए हैं। इन आंकड़ों के हिसाब से प्रति महीने 50 लोग जान गवां रहे है। इसपर लगाम लगने की जगह इसकी संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।
80 ज्यादा ब्लैक स्पाट लेकिन नहीं हुआ सुधार
नेशनल-स्टेट हाइवे और शहर को मिलाकर 80 से ज्यादा ब्लैक स्पाट राजधानी में है। इन सभी स्थानों को चिन्हित तो कर दिया है, लेकिन इन पर ऐसा सुधार कार्य नहीं हुआ जिससे सड़क हादसे रुक सके। कुछ स्थानों पर साइनेज बोर्ड व ब्रेकर तो बनाए लेकिन उसका कोई भी असर नहीं दिखा है। अब देखना होगा कि जिम्मेदारों की आंखें कब खुलती है।
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