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    NHAI ने किसने साथ कर लिया एग्रीमेंट? लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की बदलने वाली है सूरत

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को हरियाली से भरपूर बनाने के लिए 46 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। एनएचएआइ और वन विभाग के बीच समझौता हुआ है जिसके तहत वन विभाग पेड़ों की देखभाल करेगा। यात्रियों को बेहतर पर्यावरण मिलेगा। एनएचएआइ इस प्रोजेक्ट पर सात करोड़ रुपये खर्च करेगा। एक्सप्रेसवे के 45 किमी रूट पर पौधरोपण किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक हर किमी पर 1022 पेड़ लगाए जाएंगे।

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    सात करोड़ में एक्सप्रेस वे पर लगेंगे 46 हजार पेड़

    अंशू दीक्षित, लखनऊ। उत्तर प्रदेश का लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे अन्य एक्सप्रेस से हरियाली के मामले में भी अलग होगा। यहां ग्रीन फील्ड पर करीब 46 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और वन विभाग के साथ समझौता हुआ है।

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    वन विभाग बनी से लेकर आजाद चौक तक 46 हजार पेड़ लगाएगा। इन पेड़ों में बांस, पाकड़, बरगद, पीपल जैसे वृक्ष लगाए जाएंगे। जो पूरे एक्सप्रेस वे पर सफर करने वालों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराएंगे। यात्रियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए एनएचएआइ इस प्रोजेक्ट पर सात करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

    एनएचएआइ ने वन विभाग को जिम्मेदारी दी है कि वह एक्सप्रेस वे के 45 किमी. रूट पर पेड़ों का पांच साल तक रखरखाव करेगा। पेड़ों की सिंचाई के लिए छह सबमर्सिबल बनी से आजाद चौक के बीच में लगाएगा।

    जगह-जगह पानी की टंकियां रखी जाएंगी और सबमर्सिबल को चलाने के लिए रूफ टाप सोलर बैटरी चलित लगाए जाएंगे। यही नहीं समझौते में वन विभाग सिंचाई के लिए वाहनों की व्यवस्था भी इन्हीं सात करोड़ रुपये से करेगा। फिर टैंकरों से पानी भरकर सिंचाई कराएगा।

    बता दें कि लखनऊ से कानपुर के बीच निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे छह लेन का है, लेकिन ग्रीन फील्ड जो 45 किमी. का है, उसके बगल में कम से कम तीन से चर लेन की जगह और छोड़ी गई है। इसी स्थान पर एनएचएआई पौधरोपण कराएगा।

    इस स्थान को प्राधिकरण ने बैरिकेडिंग भी करवा दिया है। अफसरों के मुताबिक हर एक किमी. पर करीब 1,022 पेड़ लगाए जाएंगे। पेड़ बड़े हो जाने के बाद यह स्थान किसी भी हिल स्टेशन से कम नहीं लगेगा। क्योंकि इस 45 किमी. रूट के दोनों तरफ कंक्रीट का जंगल न होकर हरियाली है।

    वन विभाग कर रहा है ढिलाई 

    एनएचएआइ के हिसाब से वन विभाग को मौके पर काम शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि एनएचएआइ ने पूरा 45 किमी. का पैच बैरिकेडिंग करके दे दिया है लेकिन वन विभाग ने अभी तक पौधाराेपण का काम शुरू नहीं किया है।

    यही नहीं मौके पर न तो बोरिंग का काम हो रहा है और न ही रूफ टाप सोलर से जुड़ा काम अभी तक शुरू हुआ है। वहीं एनएचएआइ दावा कर रहा है कि वह 31 अक्टूबर से पहले लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेस पर ट्रैफिक शुरू कर देगा।

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