लखनऊ हवाइ अड्डे के ATC कक्ष में होमगार्ड ने फंदे से लटककर दी जान, अंदर से बंद था दरवाजा
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक होमगार्ड ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल कक्ष में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मृतक इटावा का निवासी था और पारिवारिक कलह के चलते तनाव में था। पुलिस मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स और व्हाट्सएप मैसेज की जांच कर रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी मृतक के परिवार को आर्थिक मदद देगी।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) कक्ष में गुरुवार 45 वर्षीय होमगार्ड विक्रम सिंह ने फंदे से लटककर जान देदी। पुलिस ने बताया कि विक्रम एटीसी के उपकरणों की सुरक्षा के लिए तैनात था। सरोजनीनगर पुलिस और एयरपोर्ट के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।
एसीपी सरोजनीनगर विकास कुमार पांडेय के मुताबिक मूल रूप से इटावा जिले के मकराना निवासी विक्रम सिंह होमगार्ड थे। यहां गहरू में परिवार के साथ रहते थे। वह एटीसी के उपकरणों की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात थे। गुरुवार सुबह होमगार्ड धर्मपाल ड्यूटी से विक्रम सिंह को रिलीव करने पहुंचे।
देखा कक्ष का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर खटखटाते रहे कोई उत्तर न मिलने पर पुलिस और होमगार्ड कमांडेंट अमरेश सिंह को घटना की जानकारी दी। पुलिस और एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ दरवाजा तोड़ा गया।
अंदर रस्सी से फंदे पर विक्रम सिंह का शव लटका था। परिवारीजनों को सूचन दी गई। पोस्टमार्ट में मौत का कारण फांसी आया है। विक्रम सिंह का मोबाइल कब्जे में ले लिया गया है। काल डिटेल्स और वाट्सएप मैसेज की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में पारिवारिक कलह की बात सामने आ रही है।
तीन शिफ्ट में अलग-अलग गार्ड की रहती है ड्यूटी
होमगार्ड कमांडेंट अमरेश सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट अथारिटी में दस होमगार्ड जवानों की ड्यूटी लगी है। आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में तीन जवानों की ड्यूटी लगती है।
बुधवार को शाम चार बजे से रात 12 बजे तक पवन गोस्वामी की ड्यूटी थी। विक्रम ने उसे 12 बजे रिलीव कराई थी। इसके बाद विक्रम की ड्यूटी गुरुवार सुबह रिलीव कराने धर्मपाल पहुंचे थे। उन्होंने शव फंदे से लटका देखा।
पांच लाख की मिलेगी आर्थिक मदद
कमांडेंट के मुताबिक पूरा विभाग विक्रम सिंह के परिवार के साथ है। पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। मृतक आश्रित को नौकरी और अनुग्रह राशि के रूप में पांच लाख रुपये की विभागीय मदद दी जाती है। कागजी कार्रवाई पूरी कराकर यह मदद की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।