बच्चों को कोरोना से बचाएगा संतुलित आहार और कोविड प्रोटोकाल, केजीएमयू के विशेषज्ञ ने दिए कई जरूरी टिप्स
दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो डाक्टर में केजीएमयू के बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजीव वर्मा ने लोेगों को कोरोना से बचाव के बताए उपाय। साथ ही कहा कि बच्चों को संक्रमण से संतुलित आहार और कोविड नियमों का पालन ही बचाएगा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर बढ़ रहा है। इस बार यह संक्रमण बच्चों में अधिक फैल रहा है। साथ ही इस मौसम में सर्दी, जुकाम, बुखार और कुछ अन्य संक्रमण भी बच्चों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजीव वर्मा ने बताया कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है कि कोरोना के नियमों को ध्यान में रखा जाए। उनमें हो रही किसी भी तरह की एलर्जी को पहचान कर उसका इलाज कराया जाए।
बच्चों के खान-पान में संतुलित आहार और उनकी दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गुरुवार को डा. संजीव दैनिक जागरण कार्यालय में थे। यहां उन्होंने लोगों की कई शंकाओं का समाधान किया। प्रस्तुत हैं उनसे पूछे गए कुछ प्रमुख सवाल और उनके जवाब-
सर्दी-जुकाम से कैसे बचें? - अभिषेक त्रिवेदी, सीतापुर
इस मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। इसके अलावा फूलों के पराग कणों से भी एलर्जी के कारण जुकाम या संक्रमण हो सकता है। ऐसे में कोरोना के नियमों को ध्यान में रखें। बच्चों को जुखाम से बचाने के लिए उन्हें ठंडा पानी न दें और बाहर भेजते समय मास्क जरूर पहनाएं।
मेरा बच्चा दो वर्ष का है। अब तक चलना नहीं सीख पा रहा है। क्या करें? - मोहन सिंह, हरदोई
हो सकता है कि बच्चे को कोई मानसिक परेशानी हो। एक बार विशेषज्ञ की सलाह ले लीजिए। बच्चे के मस्तिष्क की जांच होगी। यदि फिर भी चल पाने में अक्षम होता है तो केजीएमयू में इसकी ट्रेनिंग होती है। इससे बच्चा सामान्य हो जाएगा।
कोरोना वायरस की बीमारी का संपूर्ण इलाज क्या है? - विनोद कुमार गौड़, अयोध्या
यह एक वैश्विक बीमारी है। दूसरी लहर के बाद टीकाकरण की वजह से लोगों में इस बीमारी का असर काफी कम हुुुआ है। हालांकि, कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या फिलहाल काफी कम हो गई है और इसके गंभीर लक्षण भी नहीं दिख रहे हैं। अब पांच वर्ष से अधिक उम्र के सभी बच्चों को वैक्सीन भी लगाई जाने वाली है।
मेरे छह महीने के बच्चे को सर्दी है। क्या उपाय करें? - शाह आलम, बलरामपुर
अचानक ऋतु परिवर्तन की वजह से ऐसी परेशानी हो सकती है। कोरोना से बचाव के नियमों का ध्यान रखें। अपने हाथ बार-बार सैनिटाइज करते रहें। बच्चे के पास जाने से पहले स्वयं और घर के लोगों से अधिक ध्यान रखने के लिए कहें क्योंकि घर के सदस्यों से बच्चे जल्दी संक्रमित होते हैं। साथ ही, यदि सर्दी में बच्चे की पसली चल रही है तो चिकित्सकीय परामर्श लें।
मेरा छह वर्ष का बच्चा है। बहुत कमजोर है। मोटा नहीं हो रहा है? - रामकृष्णा, रामपुर
बच्चों को खान-पान में संतुलित आहार दें। बच्चे के मोटा होने के बारे में न सोचें। सभी बच्चों के हार्मोन अलग-अलग होते हैं। यदि बच्चा ठीक से खा रहा है और खेल-कूद रहा है तो इसका अर्थ यह है कि बच्चे में कोई बीमारी नहीं है। इस मौसम में पानी वाली चीजें अधिक दें। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में बेहतरी होगी।
मेरी डेढ़ साल की बच्ची है। उसकी देखभाल कैसे करें? - बाबूलाल, बाराबंकी
बच्चे के खान-पान पर ध्यान दें। सर्दी-जुकाम का मौसम है। ऐसे में कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखें। बच्चों को छोटा-मोटा संक्रमण अक्सर हो जाता है। ऐसे में अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि संक्रमण होने के बाद पसली चलने लगे तो डाक्टर को दिखाकर परामर्श लें।
बच्चे स्कूल जाते हैं। कोरोना होने का डर है। क्या टीका लगवा सकते हैं? - श्रवण सिंह, अयोध्या
पांच वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। यदि बच्चा 14 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसे टीका लगाया जा सकता है। इसके अलावा कोविड-19 के नियमों का भी ध्यान रखें।
एक वर्ष दो महीने का नाती है। खाता-पीता भी है, लेकिन उसका वजन नहीं बढ़ रहा है? - अनीमा मिश्रा, सीतापुर
अक्सर बच्चों में तीन वर्ष की आयु के बाद ही वजन में बढ़ोतरी देखी जाती है। बच्चों को संतुलित आहार और ताजे फल खिलाते रहें। यदि बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है और 10 किलो तक का नहीं है तो खान-पान में कमी हो सकती है। इसके लिए दूध में केला मिलाकर कुछ दिनों तक बराबर खिलाएं।
मेरा पांच वर्ष का बच्चा है। उसकी नाक बहनी बंद नहीं हो रही है। क्या करें? - विजय कुमार, औरंगाबाद
सर्दी-जुकाम इस मौसम में आम बात है। इस वजह से यह समस्या हो सकती है। यदि अधिक दिनों से यह दिक्कत है तो एक बार चिकित्सक को दिखा लें और बच्चे को धूम्रपान से दूर रखें।
मेरा 11 वर्ष का बच्चा है। उसको जब दर्द होता है तो वह हाथ-पैर पटकता है और काफी देर तक रोता है। क्या करें? - ओंकारनाथ शुक्ला, मडिय़ांव
गर्मी बढऩे की वजह से जब बच्चों को पसीना आता है तो वह परेशान और चिड़चिड़े हो जाते हैं। उनको प्यार से समझाएं और यदि परेशानी अधिक हो तो एक बार डाक्टर को दिखा लें। इसके अलावा बच्चे की विटामिन बी की जांच भी कराएं।
बच्चों में रखें इन बातों का ध्यान
- शुरुआती छह माह के बच्चों को मां के दूध के अलावा कुछ भी न दें। पानी भी न दें।
- छह माह से दो वर्ष तक उन्हें नई-नई चीजें खिलाएं और उसके बारे में सिखाएं।
- बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए उनको संतुलित आहार और खुली हवा में खेलने देना जरूरी है।
- यदि दस्त हो तो ओआरएस का घोल दें।
- जुकाम होने पर कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करें।
- किसी चीज के संपर्क में आने पर यदि शरीर में चकत्ते पड़ते हैं। नाक और कान से पानी आए या खुजली हो तो एलर्जी हो सकती है। ऐसे में डाक्टर को दिखाएं।
- बच्चों को ठंडा पानी न दें।
- एसी से सीधे धूप में जाने न दें।
- मच्छर और पराग कणों से बचाव करें।
- बाहर निकलते समय बच्चे को पूरी बांह के कपड़े और मास्क पहनाएं।
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