जीआरपी ने बना दी 'हैप्पी दीवाली', खोए मोबाइल मिले तो खिल उठे मालिकों के चेहरे, इस लड़के के घर में दोहरी खुशी
जीआरपी लखनऊ ने छह राज्यों से 350 से ज्यादा खोए हुए मोबाइल बरामद कर उनके मालिकों को लौटाए। एसपी जीआरपी रोहित मिश्रा ने बताया कि एक वर्ष में 13 जिलों से 550 से ज्यादा मोबाइल चोरी हुए थे, जिन्हें सर्विलांस पर लगाकर बरामद किया गया। मोबाइल पाकर लोगों ने खुशी जताई और जीआरपी टीम को धन्यवाद दिया। कई लोगों के लिए यह दीपावली का तोहफा साबित हुआ।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। जीआरपी ने 350 लोगों को उनके खोए हुए मोबाइल वापस करा उनकी दीपावली को और भी खास बना दिया। मोबाइल पाने वाले लोगों ने एसपी जीआरपी रोहित मिश्रा व उनकी टीम को धन्यवाद दिया।
एसपी जीआरपी रोहित मिश्रा ने बताया कि एक वर्ष में 13 जिलों के रेलवे स्टेशन पर 550 से ज्यादा मोबाइल खोए थे। उन सभी के डाटा को कलेक्ट कर सर्विलांस पर लगाया गया था।
बीते एक महीने में छह राज्यों- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य के 350 से ज्यादा मोबाइल बरामद कर लिए गए हैं। इसके बाद उनके मालिकों को तलाश कर संपर्क किया गया और शुक्रवार को मोबाइल वापस देने के लिए बुलाया गया था।
लखीमपुर खीरी निवासी उर्वशी मिश्रा पहुंचीं और बताया कि उन्होंने किस्तों पर मोबाइल लिया था, जिसकी हर महीने ढाई हजार रुपये की किस्त जाती थी। छह महीने पहले 26 अप्रैल को परिवार के साथ बाहर जा रही थीं, तभी ट्रेन में मोबाइल खो गया था। उन्होंने गुमशुदगी दर्ज कराई थी, लेकिन मोबाइल मिलने की उम्मीद नहीं थी।
उर्वशी ने कहा, बिना मोबाइल किस्तें देने में हर महीने दुख होता था, लेकिन जीआरपी ने उनका मोबाइल तलाश दिया। जब वह मोबाइल लेने पहुंचीं, तो उन्होंने कहा कि ऐसे सभी पुलिसकर्मियों को काम करना चाहिए। इसी तरह कन्नौज निवासी आदर्श तिवारी ने भी अपनी खुशी जाहिर की और कहा, अगर ऐसे काम हो तो किसी का नुकसान नहीं हो सकता है।
इन लोगों को मोबाइल बरामद
दो दिन पहले राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) पास करने वाले अमेठी जिले गौरीगंज निवासी शिवांशु तिवारी ने बताया कि घर वाले उसकी खुशियां मना रहे थे, तभी जीआरपी से फोन आया कि एक महीने पहले खोया हुआ उनका मोबाइल मिल गया है। शुक्रवार को वह मोबाइल लेने के लिए पहुंचे थे।
एसपी ने कहा कि एक-एक कर सभी को मोबाइल सिपुर्द कर दिया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने कहा, धनतेरस पर कुछ नहीं लेंगे आपने तोहफा दे दिया।
पोते-पोती की फोटो देख लेता हूं
मोबाइल लेने पहुंचे 75 वर्षीय बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उनके बेटे-बहू परिवार के साथ बाहर रहते हैं। उनकी पुरानी यादों की फोटों मोबाइल में हैं। जब अकेले लेटता था, मोबाइल में देखकर खुश हो जाता था। मोबाइल खोने के बाद दूसरा उन्हें पुरानी फोटो देखने को नहीं मिल रही थी।
तीन से चार महीने बाद आन होते हैं मोबाइल
सीओ जीआरपी अमित सिंह ने बताया कि मोबाइल खोने के बाद जिसको मिलता है तो वह तीन से चार महीने तो खोलता नहीं है। उसके बाद वह इस्तेमाल के लिए खोलता है तो सर्विलांस को जानकारी हो जाती है। इसपर टीम भेजकर वह मोबाइल बरामद कर लिया जाता है।
लखनऊ की पूर्वी जोन की टीम ने 111 मोबाइल किए बरामद
लखनऊ कमिश्नरेट की पू्र्वी जोन की सर्विलांस टीम ने 111 खोए मोबाइल बरामद किए हैं। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने उन्हें मालिकों को सिपुर्द कर दिया। अलग-अलग नौ थाना क्षेत्र में मोबाइल खोए थे। इनकी कीमत करीब 22 लाख रुपये है।
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