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    Lucknow: काकोरी की सड़कों पर जंगल का खौफ, नौ गांवों में पसरा दहशत का सन्नाटा; शिकार के दो दिन बाद ही बाघ ने बदली लोकेशन

    Updated: Sat, 21 Dec 2024 12:14 AM (IST)

    लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक बाघ देखा गया है जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। बाघ को शुक्रवार सुबह चार बजे रहमान खेड़ा के पास से गुजरी रेलवे लाइन के पास सड़क पर टहलते हुए देखा गया था। वन विभाग की टीम विशेष ध्यान रख रही है और लखीमपुर खीरी और सीतापुर से विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है।

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    गुजरी रेलवे लाइन के पास सड़क पर शुक्रवार सुबह चार बजे बाघ टहलता दिखा।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। काकोरी के रहमान खेड़ा के पास से गुजरी रेलवे लाइन के पास सड़क पर शुक्रवार सुबह चार बजे बाघ टहलता दिखा। इसके बाद वह शाम पांच बजे ही केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में वन विभाग की तरफ से लगाए गए कैमरे में कैद हो गया। 

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    वन विभाग का मानना है कि रहमान खेड़ा से करीब आठ से दस किलोमीटर जाने के बाद बाघ फिर से लौट रहा है। वह शिकार की तलाश में है। दरअसल, शिकार किए आठ दिन का समय बीतने के बाद बाघ भोजन की तलाश में लौटा है।

    डीएफओ अवध सितांशु पांडेय ने शुक्रवार को टीम के साथ बाघ के देखे जाने वाले संभावित जगहों पर दौरा किया और उनकी निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों को देखा।

    डीएफओ का कहना है कि रहमान खेड़ा रेलवे लाइन के आसपास बाघ देखे जाने के बाद वन विभाग की टीम विशेष ध्यान रख रही है। वन विभाग के साथ ही लखीमपुर खीरी और सीतापुर से विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है।

    मचान बनाया जाएगा

    वन विभाग बाघ की निगरानी के लिए मचान बना रहा है, जहां से उसे देखने में आसानी होगी। डीएफओ का कहना है कि एक दो दिन में मचान तैयार हो जाएगा। जनवरी 2012 में रहमान खेड़ा में आए बाघ की निगरानी मचान से की गई थी और 25 अप्रैल 2012 को सुबह उसे मचान में बैठे निशानेबाज ने गन से बेहोशी का इंजेक्शन देकर बाघ को काबू किया गया था और बाद में उसे दुधवा नेशनल पार्क ले जाकर छोड़ा गया था।

    शुक्रवार को कहां-कहां दिखा बाघ (कैमरे में कैद)

    • सुबह चार से पांच बजे के बीच रहमान खेड़ा कंट्रोल रूम से के पास बिजली पोल के पास
    • सुबह चार बजे रहमान खेड़ा रेलवे लाइन के किनारे  केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान दीवार के पास
    • सुबह 9.30 बजे ग्राम मंडौली के पास नाले के आसपास
    • शाम 4.30 बजे खालिसपुर, मीठेनगर, सहिलामऊ, मंडौली और उलरापुर में

    नौ गांवों में छाया सन्नाटा

    काकोरी से जुड़े नौ गांवों में बाघ की दहशत है। रहमान खेड़ा, मीठेनगर और फिर जगह बदलता रहा। हलुवापुर, कटौली, उलारापुर, सलियामऊ, गुरुदीन खेड़ा, मेंथीपुर और गोखौरा में बाघ के पहुंचने के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है। पालतू पशुओं की सुरक्षा के साथ घरों के अंदर ही रखा जा रहा है। 

    लोगों ने खेतों में जाना और लकड़ी बीनने का भी काम बंद कर दिया है। बारह दिसंबर को रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लाक नंबर चार के पास जंगल में नीलगाय का शिकार करने के दो दिन बाद से बाघ ने अपनी लोकेशन को बदला है और वह आबादी के बीच पहुंच रहा है। जगह-जगह उसके पदचिह्न मिल रहे हैं।