यूपी का वो घाट जहां अंतिम संस्कार की काटी जा रही फर्जी पर्ची, कुछ दिन पहले ही अलग से खोल दिया गया काउंटर
लखनऊ के गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार की पर्ची काटने में फर्जीवाड़ा सामने आया है। नगर निगम के अलावा, कुछ निजी लोग भी पर्ची काट रहे हैं, जिससे फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनने का खतरा है। पार्षद ने इस मामले पर सवाल उठाए हैं और नगर निगम से जवाब मांगा है। नगर निगम ने अवैध पर्ची काटने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
अजय श्रीवास्तव, लखनऊ। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है, जिसमे फर्जीवाड़ा करने वाले नगर निगम की नजरों से दूर हैं। अब गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार की पर्ची काटने की निजी स्तर पर सामांतर व्यवस्था चल रही है, जो किसी दिन बड़े फर्जीवाड़ा का कारण बन सकता है। अंतिम संस्कार की पर्ची से किसी का भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को भी जारी कराया जा सकता है।
यहां पहले से ही नियमानुसार नगर निगम की तरफ से अंतिम संस्कार की पर्ची काटी जाती है, जैसा कि बैकुंठधाम श्मशान घाट और आलमबाग श्मशान घाट पर नगर निगम की तरफ पर्ची काटी जाती है। कुछ दिनों से अचानक से गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार किए जाने की पर्ची काटने का अलग से काउंटर से खोल दिया गया।
यह कांउटर खोलने वाले कुछ महापात्र हैं, जबकि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। लिहाजा अब सामांतर व्यवस्था चल रही है। अब नगर निगम के साथ ही कन्हैया लाल स्मारक समिति की तरफ से अंतिम संस्कार का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है।
दिलचस्प यह है कि नगर निगम अंतिम संस्कार की पर्ची को आधार मानते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र को भी जारी कर रहा है। श्मशान घाटों पर वर्चस्व को लेकर महापात्रों के बीच खींचतान चलती हैं और यही कारण है कि एक गुट से अंतिम संस्कार की पर्ची काटने की नई दुकान खोल दी गई है।
पार्षद ने खड़े किए सवाल
दौलतगंज वार्ड की भाजपा पार्षद रानी कनौजिया ने गुलाला घाट पर चल रही मनमानी को लेकर अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने कई सवाल पूछे हैं और चार दिसंबर को होने वाले नगर निगम सदन की बैठक में जवाब देने को कहा है। सवाल पूछा गया है कि गुलाला घाट नगर निगम के अधीन है कि नहीं। या फिर घाट का संचालन कन्हैया लाल स्मारक समिति कर रही है।
घाट पर चिता स्थल, विद्युत शवदाह गृह, श्मशान घाट नगर निगम के अधीन है या ïिफर गुलाला घाट श्मशान घाट विकास समिति या कन्हैया लाल प्रयागदास स्मारक समिति के अधीन है। लकड़ी की दर, बेचने का लाइसेंस या दाह संस्कार कराने वाले की दक्षिणा की राशि नगर निगम तय करेगा या फिर उपरोक्त समिति द्वारा तय की जाएगी। यह भी सवाल किया है कि अंतिम संस्कार की पर्ची समिति को देने का अधिकार समिति को नगर निगम ने दिया है या नहीं?
''कन्हैया लाल प्रयागदास स्मारक समिति के लोगों को अंतिम संस्कार की पर्ची काटने से रोका गया है लेकिन कुछ लोग यह दबाव बनाकर फर्जी तरह से पर्ची काट रहे हैं कि गुलाला घाट उनकी जमीन पर है। फिलहाल यह चेतावनी दी गई है कि अगर अंतिम संस्कार की पर्ची नगर निगम के अलावा किसी अन्य ने काटी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम के संबंधित कर्मियों से कहा गया है कि वह समिति की पर्ची पर दाह संस्कार की सूचना पर मृत्यु प्रमाण पत्र मत जारी करें और लोगों से अपील की जा रही है कि नगर निगम से ही अंतिम संस्कार किए जाने की पर्ची लें। -अमरजीत यादव , जोनल अधिकारी नगर निगम जोन छह

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