विधान सभा में उठा बिजली के निजीकरण व स्मार्ट मीटर का मामला, ऊर्जा मंत्री ने कहा- रास्ता तो कांग्रेस-सपा ने ही दिखाया
उत्तर प्रदेश विधान सभा में बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर का मामला उठा। ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण का रास्ता तो कांग्रे ...और पढ़ें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान सभा में सोमवार को बिजली के निजीकरण व स्मार्ट मीटर को लेकर हुई चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था को लेकर विपक्ष बिना तथ्यों के आरोप लगा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले सात दशकों में बिजली के क्षेत्र में जितना काम हुआ, उससे कहीं अधिक कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले सात वर्षों में कर दिखाया है। बिजली का उत्पादन दोगुणा हो गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके लिए लगातार नई बिजली उत्पादन इकाइयों की शुरुआत की जा रही है, साथ ही ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में रिकार्ड स्तर पर बिजली आपूर्ति की जा रही है, जो पहले कभी संभव नहीं हो पाई थी। स्मार्ट मीटर व्यवस्था को पारदर्शिता और उपभोक्ता हित में बताया।
यह मामला कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने उठाया। कहा कि बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट हो रही है। स्मार्ट मीटर के नाम पर जो महंगे दाम वसूले जा रहे हैं उस कीमत का विद्युत नियामक आयोग द्वारा संस्तुति नहीं ली गई है।
सरकार को गरीबों की कोई चिंता नहीं है गरीब तबके के दिहाड़ी मजदूर के लिए क्या प्रीपेड व्यवस्था व्यावहारिक है? मीटर पर फिर से 681 करोड रुपये का खर्च होंगे इसका भुगतान कौन करेगा? अप्रत्यक्ष रूप से जनता का शोषण ही किया जा रहा है, यह उपभोक्ताओं के साथ धोखा है। उन्होंने निजीकरण पर भी सरकार को घेरा।
मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर से न केवल बिजली चोरी पर लगाम लगेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सटीक बिल और बेहतर सेवा भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व सपा ने ही पीपीपी का रास्ता दिखाया है। सदन में इस मुद्दे पर कुछ देर तक नोकझोंक भी हुई।

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