सिंदूरा खेला के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन, ढाक की धुन पर धुनुचि आरती और नृत्य
लखनऊ में दुर्गा पूजा के बाद माँ दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन धूमधाम से किया गया। महिलाओं ने ढाक की धुन पर धुनुचि आरती की और सिंदूर खेला में भाग लिया एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की लंबी उम्र की कामना की। झूलेलाल घाट और कुड़िया घाट पर विसर्जन का क्रम देर शाम तक चलता रहा जिसमें श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। माइके आई मां भवानी के विदाई के समय सामाजिक परंपरा का अनूठा समागम देखते ही बन रहा था। पंडालों में जिस मां का छह दिनों तक स्वागत और पूजन किया गया उनकी विदाई का दर्द श्रद्धालुओं की आंखों से छलक पड़ा तो सुहागिन होने की कामना के साथ सिंदूर खेला ने माहाैल को उत्सव में बदल दिया।
ढाक की धुन पर मां की आरती के बाद सिंदूर खेला का रंग देखते ही बन रहा था। महिलाएं पहले मां दुर्गा और फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की लंबी उम्र की कामना कर रही थीं। जय मां दुर्गा के जयकारे से गुंजायमान वातावरण के बीच मां के कान में अपनी मनोकामना पूर्ण करने का संदेश देती महिलाओं का समूह पंडालों को नया रंग दे रहा था।
मां के माइके आने और सिंदूर खेला के साथ सुहागन होने की कामना के साथ विदाई का मनोरम दृश्य बंगाली समाज की संस्कृति के बारे में बता रहा था। झूलेलाल घाट के पास व कुड़िया घाट पर बने कुंड में विजर्सन का क्रम दोपहर बाद शुरू हुआ और देर शाम तक चलता रहा।
बादशाहनगर में दुर्गा पूजा समिति की ओर से मां की प्रतिमा की रवानगी से पहले प्रिया सिन्हा के संयोजन में सिंदूर खेला हुआ। एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की कामना करती महिलाओं मां को विदा किया। बंगाली क्लब में परिसर में ही भूमि विसर्जन किया गया।
क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि सिंंदूर खेला के साथ मां की विदाई की गई। विसर्जन से पहले ढाक की धुन पर धुनुचि आरती हुई और भोग लगाया गया। आलमबाग के सिंधी स्कूल में सुबह विशेष पाठ किया गया तो आशियाना के खजाना मार्केट में पूजन के लिए दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्यों की कतार लगी रही।
संयोजक सदस्य बी घोष ने बताया कि सिंदूर खेला मेें महिलाओं ने हिस्सा लिया। विद्यांत कालेज में धुनुचि आरती के बाद विदाई हुई। ट्रांसगोमती नगर दुर्गा पूजा एवं दशहरा कमेटी के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने पूजन हुआ और सिंदूर खेला के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
केकेसी के सेवाग्राम कालोनी में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल में पूजन के बाद मां को विसर्जन के लिए रवाना किया। विकास नगर में दुर्गा पंडाल में पूजन के बाद मां की विदाई हुई। छावनी दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से चंद्रयान के पंडाल में स्थापित प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
प्रवक्ता निहार डे ने बताया कि पूजन के साथ ही सिंदूर खेल हुआ। शंखनाद के साथ निरालानगर के श्रीराम कृष्ण मठ के स्वामी मुक्तिनाथानंद ने मां का विसर्जन कराया। श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से विकल्पखंड-दो स्थित भोलेनाथ मंदिर में नीरा सिन्हा वर्षा व श्रावनी सहित कई महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर मां की विदाई की।
दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन कमेटी के अध्यक्ष रूपेश मंडल ने बताया कि दोपहर पहली बड़ी प्रतिमा इंदिरानगर से आई देर रात तक विसर्जन चलता रहा। देर शात तक 144 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं।
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