LDA Update: सुलतानपुर रोड पर नई टाउन शिप बसने से पहले प्लाट खरीदने वालों का होगा निस्तारण
LDA Update सौ एकड़ से ज्यादा निजी बिल्डरों ने बेच डाले हैं प्लाट। किसानों की तरह प्लाट खरीदने वालों से करेगा लविप्रा बात। निजी बिल्डरों से प्लाट लेने वाले निवेशकर्ताओं से किसानों की तर्ज पर निपटा जा सकेगा।

लखनऊ, जेएनएन। सुलतानपुर रोड पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की प्रस्तावित नई टाउन शिप पर जिन लोगों ने निजी बिल्डरों से अपने प्लाट खरीदे थे, उनके निस्तारण पर भी प्राधिकरण विचार कर रहा है। प्राधिकरण की मंशा है कि टाउनशिप का ले आउट बनने के बाद कोई अडंगेबाजी न आए। इसलिए बड़े काश्तकार, छोटे काश्तकार के साथ ही निजी बिल्डरों से प्लाट लेने वाले निवेशकर्ताओं से किसानों की तर्ज पर निपटा जा सकेगा।
लविप्रा ऐसे लोगों से अगर जमीन लेता है, जहां प्लाटिंग व सोसाइटी बन गई हैं, तो उन्हें भी किसानों की तरह जमीन विकसित करके देगा या फिर जमीन का दाम देकर अधिगृहित करेगा। लविप्रा की मंशा है कि प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ले आउट में जो निर्माण हो गए हैं, अगर वह बहुत ज्यादा ले आउट को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं तो उनसे विकास शुल्क लेकर उन्हें स्वीकृत करने पर भी विचार कर रहा है।
डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि निजी बिल्डर को जब टाउनशिप दी गई थी, तब इसका क्षेत्रफल 2052 एकड़ था। वर्तमान में रिपोर्ट के मुताबिक 1600 एकड़ से ज्यादा जमीन अभी किसानों के पास है। ऐसे में किसानों के साथ वार्ता चलने के साथ ही जिन लोगों ने प्लाट व सोसाइटी बनाई है, उनके साथ भी बैठक करके बीच का रास्ता निकाला जाएगा। वहीं प्राधिकरण के अफसरों की माने तो प्लाट खरीदने वालों को लविप्रा जमीन का एक चौथाई मूल्य विकसित लैंड का दे सकता है। अगर एक हजार वर्ग फिट का प्लाट होगा तो ढाई सौ वर्ग फिट का कोई प्लाट प्राधिकरण बेचता नहीं। इसलिए पैसे देकर निस्तारण करके प्लाट अर्जित कर सकता है।
हजारों प्लाट बिक गए, बन गई सोसाइटी
सुलतानपुर रोड स्थित दस गांवों की जमीन पर सैकड़ों बीघे जमीन पर निजी बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदकर प्लाटिंग कर दी। इससे प्राधिकरण के पास तीन सौ एकड़ से अधिक जमीन कम हो सकती है। इसकी पैमाइश अर्जन कर रहा है।
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