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    लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तैयार की दागी बिल्डरों की लिस्ट, अवैध निर्माणों पर जल्द चलेगा बुलडोजर; देखें सूची

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2022 12:29 PM (IST)

    लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ऐसे बिल्डरों और डेवलपर की सूची तैयारी की है जो दागी हैं। जल्द ही इनकी सूची एलडीए की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। प्राधिकरण ऐसे अवैध निर्माणों पर बुलडोजर भी चलाने की तैयारी कर रहा है।

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    लविप्रा की वेबसाइट पर जल्द ही नियम तोड़कर निर्माण करने वाले बिल्डर और डेवलपर का पूरा ब्यौरा अपलोड हो जाएगा।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। यदि आप लखनऊ में अपार्टमेंट में फ्लैट, रो-हाउस, प्लाट या फिर व्यावसायिक कांप्लेक्स में दुकान खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको एक क्लिक पर इसकी जानकारी मिल जाएगी कि उस संपत्ति के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कोई नोटिस दी है या नहीं। लविप्रा की वेबसाइट पर जल्द ही नियम तोड़कर निर्माण करने वाले बिल्डर और डेवलपर का पूरा ब्यौरा अपलोड हो जाएगा। जहां संपत्ति खरीदने वाले लाेग उनके बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। 

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    शहर में 10 हजार से अधिक संपत्तियों को लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अवैध निर्माण करने पर ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी कर रखा है। इन संपत्तियों को खरीदने वाले लोगों को कई बार इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। वह उन अपार्टमेंट में फ्लैट या फिर प्लाट खरीद लेते हैं, जिनके खिलाफ लविप्रा ने पहले ही नोटिस जारी की हाेती है। कूटरचित दस्तावेजों से यजदान जैसे यह बिल्डर कई बार रेरा में पंजीकरण कराने में भी सफल हो जाते हैं। वहीं कई बिल्डर जिला पंचायत से नक्शा पास कराकर लखनऊ विकास क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण कर लेते हैं। लविप्रा की वेबसाइट पर ऐसे ही दागी बिल्डरों और डेवलपर को लिस्ट करने का काम शुरू हो गया है।

    अगले दो दिनों में सभी जोन के बिल्डरों और डेवलपरों के प्रोजेक्ट का नाम, उनका पता, उनको भेजी गई कारण बताओ नोटिस, सीलिंग और ध्वस्तीकरण के आदेश भी अपलोड हो जाएंगे। ऐसे में संपत्ति खरीदने से पहले जब लोग लविप्रा की वेबसाइट पर जाकर अपनी चुनी गई प्रापर्टी की डिटेल भरेंगे तो संबंधित बिल्डर और डेवलपर की डिटेल सामने आ जाएगी। लखनऊ में यजदान बिल्डर के अलावा मो. मुस्लिम, आर संस, साइन सिटी सहित दो हजार से अधिक बिल्डर और डेवलपर पहले ही लविप्रा की कार्रवाई की जद में आ चुके हैं। लविप्रा के उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि एक सप्ताह में लविप्रा की वेबसाइट पर यह ब्यौरा अपलोड हो जाएगा। जिससे लोग दागी बिल्डरों के चंगुल में नहीं फंस सकेंगे।