कभी अधिकारी तो कभी बिग बास्केट कर्मी बन गए जालसाज, बुजुर्ग समेत चार के खातों से 2.26 लाख रुपये किए पार
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने बुजुर्ग समेत चार लोगों के खातों से 2.26 लाख रुपये उड़ा लिए। ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर गिरफ्तारी का डर दिखाया, तो कहीं बिग बास्केट कर्मी बनकर ऐप डाउनलोड कराकर ठगी की। गाजीपुर और आशियाना में मामले दर्ज, पुलिस जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर जालसाजों ने बुजुर्ग समेत चार के खातों से 2.26 लाख रुपये उड़ा लिए। जालसाज ने कहीं पुलिस अधिकारी बनकर बेटा-बेटी की गिरफ्तारी की बात कहकर डराया तो कहीं वेबसाइट व बिग बास्केट कर्मी बनकर फंसाया। साइबर ठगी के यह मामले गाजीपुर थाने और आशियाना थाना क्षेत्र के हैं। पुलिस चारों मामलों को दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की मदद से जांच कर रही है।
इंदिरानगर सी-ब्लाक स्थित सर्वोदयनगर निवासी सैयद मोबश्शिर एबाद ने बताया कि 11 नवंबर को रिजार्ट बुकिंग के लिए गूगल पर सर्च किया। इस गोआ की एक साइट मिली। संपर्क कर पीड़ित ने तीन दिन के लिए रूम बुकिंग की। जालसाज ने वाट्सएप काल कर बातों में फंसाया। उसके बाद खाते से तीन बार में 88,800 रुपये खाते से पार कर दिए।
इसी थाना क्षेत्र के ए-ब्लाक निवासी जयराम निषाद ने बताया कि पांच नवंबर को पत्नी के पास एक काल आई। फोनकर्ता ने पुलिस अधिकारी बनकर बात की। कहा कि आपकी बेटी व बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक लाख रुपये देने पर ही दोनों को छाेड़ा जाएगा। यह सुनकर उनकी पत्नी डर गयी। पहले तो पत्नी को भरोसा नहीं हुआ।
पत्नी ने बेटे से बात कराने को कहा तो जालसाज ने बात करायी। बेटे की रोते हुए आवाज सुनकर पीड़िता ने दिए गए खाते में 99 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। डिमांड बढ़ने पर पीड़िता ने इंकार कर दिया। काल कटने पर पीड़िता ने बेटे को फोन किया तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके साथ ही इंदिरानगर सेक्टर-16 निवासी जैन सिंह चौहान ने बताया कि कुछ दिन पहले काल आई।
जालसाज ने रिश्तेदार की आवाज में बातकर खाते से 19,500 रुपये ऐंठ लिए। पीड़िता ने गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, आशियाना के एल्डिको उद्यान निवासी 70 साल के सत्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले बिग बास्केट कर्मी बनकर बात की। एप डाउनलोड करायी और फिर खाते से 19,219 रुपये निकाल लिए।

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