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    Cyber Crime: ATS चीफ बन सेवानिवृत्त बैंक कैशियर को आठ दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 27.45 लाख ठगे

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 06:15 PM (IST)

    लखनऊ में साइबर जालसाजों ने एक सेवानिवृत्त बैंक कैशियर को एटीएस अधिकारी बनकर धमकाया और 27.45 लाख रुपये ठग लिए। जालसाजों ने पीड़ित को भारतीय सेना के गुप्त दस्तावेज पाकिस्तान भेजने का आरोप लगाया और डिजिटल अरेस्ट में रखा। एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को आधार कार्ड अपडेट करने के नाम पर 8.70 लाख रुपये की ठगी हुई। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

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    एटीएस चीफ बन सेवानिवृत्त बैंक कैशियर को आठ दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 27.45 लाख ठगे।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। आपके मोबाइल फोन से भारतीय सैनिकों के गुप्त दस्तावेज पाकिस्तान भेजे गए हैं। आप के मोबाइल फोन से आतंकी गतिविधियां की जाती हैं। यह धमकी देते हुए साइबर जालसाजों ने सेवानिवृत्त बैंक कैशियर से दो बार में 27.45 लाख रुपये ठग लिए।

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    किसी को न बताने की धमकी देते हुए आठ दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। व्हाट्सएप काल और मैसेज के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर भी रखते थे। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने गोमती नगर के साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

    विकास नगर निवासी नरेंद्र कुमार मिश्रा इंडियन ओवरसीज बैंक के कैशियर पद से सेवानिवृत्त हैं। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि 28 जून की दोपहर उनके पास एक नम्बर से फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को जम्मू कश्मीर के एंटी टेररिस्ट स्कवाड (एटीएस) आफिस से बताया।

    आगे उसने कहा कि आपके मोबाइल फोन से भारतीय सैनिकों के गुप्त दस्तावेज पाकिस्तान भेजे गए हैं। आप के मोबाइल फोन से आतंकी गतिविधियां की जाती हैं। यह सुनकर नरेंद्र दहशत में आ गए। कुछ समय बाद उनके मोबाइल पर एक वीडियो काल आई जिसमें पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स नजर आया और उसने खुद को एटीएस चीफ बताया।

    इसके बाद उसने कहा कि आप जो भी कार्य करेंगे हमे बताकर करेंगे और आपके ऊपर निगरानी रखी जाएगी। उसने पुलिस और किसी अन्य से बताने पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही।

    इसके बाद एक जुलाई और चार जुलाई को दो बार में उनके खाते से हरियाणा के जुई रोड बदरा स्थित दुर्गा माता मंदिर ट्रस्ट और मुंबई के रमेश चंद्र नाम के दो खातों में कुल 27.45 लाख रुपये आरटीजीएस करवा लिए।

    नरेंद्र ने बताया कि आरोपित व्हाट्सएप काल और मैसेज के माध्यम से उनके ऊपर नजर रखते थे। वह बैंक जाते तो वहां भी जालसाज उन्हें किसी से बात नहीं करने देते थे। जालसाजों ने 28 जून से चार जुलाई तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके बाद पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।

    पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि कई लेयर में पैसा ट्रांसफर हुआ है। यूआरएल के आधार पर जानकारी जुटाई जा रही है। जालसाजों को ट्रेस करने के प्रयास जारी हैं।

    आधार कार्ड अपडेट करने के नाम पर 8.70 लाख की ठगी: पेपर मिल कालोनी निवासी विनय सिंह से जालसाजों ने आधार कार्ड अपडेट करने के नाम पर 8.70 लाख रुपये ठग लिए। विनय के मुताबिक 20 जुलाई को उनके फोन पर आधार कार्ड अपडेट करने के लिए एक नंबर से फोन आया। इसके बाद उनके व्हाट्सअप पर एक एपीके फाइल आई।

    इसे डाउनलोड करते ही उनका मोबाइल हैक हो गया। इसके बाद करीब पांच बार में उनके खाते से 8.70 लाख रुपये निकल गए। उन्होंने साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराते हुए साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर ने बताया लेनदेन का विवरण एकत्र किया जा रहा है।