CRPF जवान तो कहीं दोस्त बनकर चार लोगों को ठगा, लखनऊ में जालसाजों ने खाते से उड़ाए 8.58 लाख रुपये
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने युवती समेत चार लोगों के खाते से 8.58 लाख रुपये उड़ा दिए। जालसाजों ने शेयर ट्रेडिंग और सरिया का ऑर्डर देकर लोगों को फंसाया, ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर जालसाजों ने युवती समेत चार के खाते से 8.58 लाख रुपये पार कर दिए। कहीं जालसाज ने शेयर ट्रेडिंग और सरिया का आर्डर देकर फंसाया तो कहीं सीआरपीएफ जवान और पिता का दोस्त बनकर ठगा।
ठगी के यह मामले मलिहाबाद, गुडंबा, गाजीपुर व सुशांत गोल्फ सिटी के हैं। मुकदमा दर्ज कर संबंधित थाने की पुलिस साइबर क्राइम सेल की मदद से ट्रेस कर रही है।
मलिहाबाद के हरिहरपुर गांव निवासी मो. रफीक ने बताया कि शेयर ट्रेडिंग में निवेश पर मोटा मुनाफा दिलाने की बात कह जाल में फंसाया। फिर ट्रेडिंग एप पर अकाउंट बनाकर पीड़ित से 2.81 लाख रुपये निवेश कराए। एप अकाउंट में 33 लाख का मुनाफा देख रफीक ने विड्राल करने का प्रयास किया।
इस पर जालसाज ने बतौर टैक्स छह लाख जमा करने की बात कही। इंकार पर उन्हें ब्लाक कर दिया। वहीं, गुडंबा के अतरौली निवासी विजय कुमार द्विवेदी ने बताया मकान बनवाने सरिया की जरूरत थी। 28 नवंबर को गूगल पर सर्च कर गैलेंट इस्पात में संपर्क किया। सरिया का आर्डर कर पत्नी के खाते से 4,57,045 रुपये दिए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए।
डिलीवरी न हाने पर पीड़ित ने पड़ताल की तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। उधर, इंदिरानगर के सी-ब्लाक निवासी ओमजी श्रीवास्तव ने बताया कि 27 नवंबर को रिश्तेदार सुरेश चंद्र श्रीवास्तव के फेसबुक मैसेंजर से एक मैसेज मिला। जिसपर लिखा था कि सीआरपीएफ लखनऊ में तैनात परिचित का ट्रांसफर हो गया है।
वे छह माह पुराना घरेलू सामान बेचना चाहते हैं। जालसाज ने घरेलू सामान की फोटो भेजी। पसंद आने पर ओमजी ने दिए गए खाते में एक लाख भेज दिए। डिमांड बढ़ने पर पीड़ित ने पड़ताल की तो ठगी का एहसास हुआ। इसके अलावा सुशांत गोल्फ सिटी के अवध विहार योजना स्थित अलखनंदा कालोनी निवासी रागनी कुमारी ने बताया कि पिता का दोस्त बनकर जालसाज ने कहा कि आपके पिता से 15 हजार उधार लिए थे, आपको आनलाइन भेज दें।
हामी होने पर जालसाज ने फर्जी 55 हजार का क्रेडिट मैसेज भेजा। कहा कि गलती से अधिक भेज दिया है, 40 हजार वापस कर दो। रागनी ने 20 हजार भेजकर खाता चेक किया तो पता चला कि उनके पास कोई रुपये नहीं आए हैं।

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