Lucknow Crime : जमीन के नाम पर ठगी, एसटीएफ ने इंफ्रा विजन कंपनी के मालिक प्रमोद को किया गिरफ्तार
STF Arrested Owner Of Infra Vision Company in Land Fraud विशेष रूप से अभियुक्त ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाता था जो व्यस्ता के चलते वे केवल एक-दो बार ही भूमि का निरीक्षण कर पाते थे। इसका फायदा उठाते हुए उन्हें कोई भी फर्जी या विवादित भूमि दिखाकर रजिस्ट्री करवा देते थे। इसी तरह सैकड़ों लोगों को शिकार बना चुके हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : आकर्षक और लुभावने आफर देकर फर्जी तरीके से जमीनों की रजिस्ट्री कर ठगी करने वाले 25 हजार के इनामिया इंफ्रा विजन ग्रुप के मालिक को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने बताया कि आरोपित से पूछताछ जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। उसको मोहनलालगंज में दर्ज मुकदमे के आधार पर जेल भेजा गया है।
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित वृंदावन कालोनी 11 बी/25, रायबरेली रोड निवासी प्रमोद कुमार उपाध्याय है। मूल रूप से आरोपित बलिया के बांसडीह खरौनी निवासी है। आरोपित प्रमोद ने पूछताछ में बताया कि बड़े भाई विनोद कुमार उपाध्याय और पिता ने इंफ्रा विजन प्रालि कंपनी स्थापित की थी।
वह कंपनी का अधिकृत व्यक्ति है। वह लोग मिलकर कंपनी के नाम जमीन खरीद लेते थे। फिर व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर उन्हें आकर्षक एवं लुभावने आफर बताकर प्लाट खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता था। यही नहीं वह लोग खुद को प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनी का प्रतिनिधि दर्शाते हुए प्लाट की बिक्री की बात करते थे। जब लोगों बताए गए प्लाट की रजिस्ट्री करवा लेते थे तो उन्हें बाद में यह ज्ञात होता था कि वह जमीन कंपनी की नहीं है।
पीड़ितों को न तो भूमि का कब्जा मिल पाता था और न ही निवेश की गई धनराशि मिल पाती थी। धोखाधड़ी उजागर होने के बाद वह लोग पीड़ितो को आश्वासन देते थे कि जल्द ही धनराशि वापस कर दी जाएगी। विशेष रूप से अभियुक्त ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाता था, जो व्यस्ता के चलते वे केवल एक-दो बार ही भूमि का निरीक्षण कर पाते थे। इसका फायदा उठाते हुए उन्हें कोई भी फर्जी या विवादित भूमि दिखाकर रजिस्ट्री करवा देते थे। इसी तरह सैकड़ों लोगों को शिकार बना चुके हैं।
ठगी की रकम से अन्य स्थानों पर किया निवेश
एसटीएफ ने बताया कि आरोपितों ने लोगों से ठगी करने के बाद जो कमाई की है, उससे खलीलाबाद , प्रतापगढ़ व रक्सौल जिले में कांपलेक्स समेत अन्य स्थानों पर इंवेस्ट किया है। इसमें उसका साथ कंपनी के दूसरे निदेशक भाई विनोद उपाध्याय और पिता हरिद्वार उपाध्याय देते थे। करीब एक वर्ष पूर्व पिता की मृत्यु होने से कंपनी के वेबसाइट से नाम परिवर्तित नहीं हो पाया है। यही कारण है कि प्लाट खरीदने वाले लोगों ने भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
25 से ज्यादा मुकदमे
एसटीएफ ने बताया कि आरोपितों पर मोहनलालगंज, सरोजनीनगर आशियाना, पीजीआइ थाना समेत अन्य थानों में 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। सभी मामलों में प्लाट के नाम पर ठगी कर रकम ऐंठी है। अब अन्य आरोपितों के खिलाफ भी अपराधिकर इतिहास को खंगाला जा रहा है।
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