फर्जी खाता खुलवाकर Lucknow में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले बैंक के डिप्टी ब्रांच मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार
Lucknow Crime News: इंडसइंड बैंक की चिनहट शाखा का डिप्टी मैनेजर उत्तम कुमार विश्वास, बीबीडी के अनौरा स्थित रायल सिटी कालोनी निवासी उमाकांत और राजीव विश्वास शामिल है। उमाकांत मूल रूप से बस्ती के बभनान और राजीव खम्हरिया जगदीशपुर निवासी है। तीनों को महानगर स्थित गोल मार्केट से गिरफ्तार किया है।

डिप्टी मैनेजर उत्तम कुमार विश्वास, राजीव विश्वास और उमाकांत
जागरण संवाददाता, लखनऊ: साइबर क्राइम टीम ने साइबर जालसाजों की मदद करने वाले इंडसइंड बैंक के डिप्टी ब्रांच मैनेजर समेत तीन लोगों को गुरुवार काे गिरफ्तार किया। गिरोह के जालसाज ठगों की मदद से फर्जी खातों के जरिए करोड़ों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। फर्जी फर्म के नाम पर बैंक खाते भी खुलवाते थे। उन्हीं खातों में ठगी की रकम मंगवाते थे। गिरोह के खिलाफ देशभर से साइबर पोर्टल पर दो सौ से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं।
पुलिस उपायुक्त अपराध(डीसीपी) कमलेश दीक्षित ने बताया कि पकड़े गए आरोपित कुर्सी रोड स्थित किरन इन्क्लेव निवासी इंडसइंड बैंक की चिनहट शाखा का डिप्टी मैनेजर उत्तम कुमार विश्वास, बीबीडी के अनौरा स्थित रायल सिटी कालोनी निवासी उमाकांत और राजीव विश्वास शामिल है। उमाकांत मूल रूप से बस्ती के बभनान और राजीव खम्हरिया जगदीशपुर निवासी है। तीनों को महानगर स्थित गोल मार्केट से गिरफ्तार किया है।
उमाकांत ने बताया कि वह अपनी फर्जी कंपनी आकाश रियल स्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि. के नाम से बैंक खाता खुलवाने की तैयारी कर रहे थे। उसने कबूल किया कि वह असल में रियल एस्टेट का कोई कार्य नहीं करता, बल्कि फर्जी फर्म बनाकर विभिन्न बैंकों में खाते खोलता है। जिनका प्रयोग आनलाइन गेमिंग और साइबर फ्राड से प्राप्त रकम के लेन-देन के लिए किया जाता था। उसके गिरोह में इंडसइंड बैंक चिनहट शाखा का डिप्टी ब्रांच मैनेजर उत्तम कुमार विश्वास भी है। वह फर्जी खाता खुलवाने में मदद करता है।
साइबर ठगी के करोड़ों रुपयों को वहीं मैनेज करता था। इसके लिए वह हर लेन-देन पर दस से बीस प्रतिशत तक कमीशन लेता था। आरोपित ने बताया कि अब तक ठगी की रकम में से लगभग 80 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हो चुका है। जिसमें 20 प्रतिशत कमीशन उत्तम विश्वास को दिया गया। इसके बाद टीम ने कुर्सी रोड स्थित किरन एन्क्लेव से उत्तम विश्वास को हिरासत में लिया। डिप्टी बैंक मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि उमाकांत और सोनराइज साल्यूशन फर्म का बैंक अकाउंट इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा में खुलवाया था। पूछताछ में उसने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।
खरीद चुके हैं करोड़ों रुपये के जेवरात
डीसीपी ने बताया कि आरोपितों ने आनलाइन गेमिंग, शेयर व अन्य साइबर फ्राड के जरिए लोगों को निशाना बनाते थे। रकम फेक फर्मों पर खोले गए बैंक अकाउंट में मंगाते थे। इसके बाद उमाकांत आनलाइन बैंकिंग और एटीएम के जरिए रुपये निकाल लेता था। आरोपित उमाकांत ने बताया कि साइबर फ्राड के रुपये से उसने अपनी पत्नी के नाम से 27 अक्टूबर को एक जमीन और सोने के जेवरात खरीदे हैं। रकम को कई खातों में ट्रांसफर कर नकद व आनलाइन माध्यम से निकालना। धन को नकद, सोना और अचल संपत्ति में बदलना। गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
आठ से ज्यादा राज्यों से शिकायतें
जांच में सामने आया कि करोड़ों रुपये का लेनदेन हो चुका है। 200 से ज्यादा शिकायतें गिरोह के खिलाफ मिली है। यह शिकायतें महाराष्ट्र, विशाखापत्तनम, पश्चिम बंगाल, गुरुग्राम (हरियाणा), दिल्ली, बिहार और हैदराबाद से आई हैं। सभी जगह से जानकारी मंगाई गई है। बैंक का डिप्टी मैनेजर ही सभी चीजों को मैनेज करता था।

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