Lucknow Crime : सपा प्रमुख के भाई प्रतीक यादव से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठे, मांगी चार करोड़ की रंगदारी; मुकदमा
Lucknow Crime News कृष्णानंद ने प्रतीक को कंपनी और उनकी जानकारी के बिना ही कई बड़े निर्णय ले लिए। यहां तक कई जमीनों को बेचने के बाद रुपये अपने पास रख लिए। इसी बीच कृष्णानंद ने प्रतीक के करीबी कर्मचारियों और लोगों से निकटता बढ़ाई। प्रतीक के सारे कारोबार की जानकारी हासिल कर ली।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाई प्रतीक यादव से जालसाज ने निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठ लिए। रकम वापस मांगी तो आरोपितों ने पाक्सो एक्ट के मामले में फंसाने की धमकी दी।
इतना ही नहीं एक फेक आडियो वायरल करने के नाम पर चार करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। पीड़ित ने गौतमपल्ली थाने में चिनहट के कृष्णानंद पांडेय समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर पंकज अंबष्ट ने बताया कि तथ्यों की जांच की जा रही है।
विक्रमादित्य मार्ग निवासी प्रतीक यादव के मुताबिक चिनहट के चक मल्हौर में पूर्वांचल सिटी निवासी कृष्णानंद पांडेय से 2012 में मुलाकात हुई। उनके कारोबार के तरीके से प्रभावित हुए। कृष्णानंद ने उनके सामने कई बार व्यापार का प्रस्ताव उनके सामने रखा। करीब दो से तीन वर्ष तक लगातार उनके पास आता-जाता रहा।
इस दौरान कृष्णानंद ने प्रतीक के सहयोग से शहीद पथ के पास भूमि अधिग्रहण कर आवासीय योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उसने भरोसा दिया कि कम दाम पर जमीनें मिल रही है। जिसे कुछ दिन बाद मोटा मुनाफा होगा। कृष्णानंद ने 25 मई 2015 को रियल एस्टेट कारोबार के लिए एक मोनाल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इसमें कृष्णानंद पांडेय और यूएस बिष्ट निदेशक बने। प्रतीक को कंपनी का प्रमोटर बनाया। इसके बाद करोड़ों रुपये का निवेश करा लिया।
कंपनी में जमीनों की खरीद व बिक्री और एग्रीमेंट की पूरी जिम्मेदारी कृष्णानंद ने अपने पास रखी। कृष्णानंद ने प्रतीक को कंपनी और उनकी जानकारी के बिना ही कई बड़े निर्णय ले लिए। यहां तक कई जमीनों को बेचने के बाद रुपये अपने पास रख लिए। इसी बीच कृष्णानंद ने प्रतीक के करीबी कर्मचारियों और लोगों से निकटता बढ़ाई। प्रतीक के सारे कारोबार की जानकारी हासिल कर ली।
आरोप है कि कृष्णानंद आर्थिक स्थिति और पारिवारिक समस्याओं का हवाला देकर उधार मांगने लगा। उसकी बातों में आकर प्रतीक ने कई बार उसे रुपये दिए। इसी दौरान सितंबर 2022 में मां का, अक्टूबर 2022 में पिता का और नवंबर 2022 में मामा का निधन हो गया। इससे मुझे गहरा मानसिक आघात लगा और मेरी सेहत और बिगड़ गई। मेरा इलाज मेदांता अस्पताल में चलने लगा। इसी का फायदा उठाकर कृष्णानंद पांडेय मुझसे पैसे लेने के लिए तरह-तरह की बातें करने लगा। इस साजिश में उसकी पत्नी वंदना पांडेय और पिता अशोक कुमार पांडेय भी शामिल रहे।
पाक्सो एक्ट में फंसाने के नाम पर मांगी रंगदारी
प्रतीक के मुताबिक सेहत सुधरने के बाद कारोबार पर ध्यान देना शुरू किया। कृष्णानंद से कंपनी व अन्य रुपये के बारे में हिसाब मांगा। टालमटोल करता रहा। दबाव बनाया तो कृष्णानंद और पत्नी वंदना पाक्सो एक्ट जैसे गंभीर मामले में फंसाने की धमकी देने लगे। इसके लिए ई-मेल और वाट्सएप पर कई मैसेज भेजे।
इसी बीच कृष्णानंद ने एक मार्फ आडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल कर परिवार की छवि धूमिल करने की धमकी दी। यही नहीं कृष्णानंद अपने पिता अशोक पांडेय व उसकी पत्नी वंदना के साथ गिरोह बनाकर वसूली का काम करते हैं।
कृष्णानंद के पिता अशोक पांडेय सीए हैं। अनैतिक दबाव बनाने की नियत से उनको व कर्मचारियाें काे आधी रात को काल कर धमकाने लगा। आरोपित ने चार करोड़ रुपये से अधिक की रंगदारी मांगी।
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